धर्म

Mahakumbh 2025: आज कल्पवासियों का कल्पवास खत्म हो जाएगा; जानें कैसे इसे पूरा करें।

Mahakumbh के बारे में सोच रहे लोगों के सपने आज पूरे होंगे। आज, ये संगम में स्नान करने के बाद पूजा करेंगे और अपना कल्पवास पूरा करेंगे।

आज पौष पूर्णिमा से शुरू हुआ कल्पवास का अंत है। Mahakumbh मेले में व्रत, संयम और सत्संग का विचार करने का विशेष नियम है। 10 लाख से अधिक लोगों ने इस बार प्रयागराज के महाकुंभ में विधिपूर्वक कल्पवास किया। माघ महीने में संगम तट पर कल्पवास करने से सहस्त्र वर्षों की गर्मी मिलती है। महाकुंभ में कल्पवास बहुत महत्वपूर्ण है। प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, माघ पूर्णिमा के दिन 12 को कल्पवास समाप्त होता है। आज कल्पवासी संगम में स्नान कर अपना पारण करेंगे।

आज पारण करेंगे।

शास्त्रों के अनुसार, पौष पूर्णिमा से माघ पूर्णिमा तक एक महीने तक संगम तट पर व्रत रखते हुए कल्पवास करना चाहिए। वहीं, पौष की एकादशी से माघ की द्वादशी तक कुछ लोग कल्पवास करते हैं। आज कल्पवासी संगम में पवित्र डुबकी लगाकर कल्पवास व्रत का पारण करेंगे।

ऐसे कल्पवास पूरा होता है

शास्त्रों के अनुसार, माघ पूर्णिमा के दिन कल्पवासी संगम स्नान कर व्रत रखते हैं। तब वे संगम तट पर अपने तंबू में आकर सत्यनारायण की कहानी सुनेंगे और पूजा करेंगे। इसके बाद, कल्पवासी अपनी यथाशक्ति मुताबिक धन देते हैं। साथ ही, कल्पवास के शुरू में बोए गए जौ को गंगा में बहाकर तुलसी के पौधे को घर ले जाएंगे। उस तुलसी के पौधे को मां लक्ष्मी का स्थान बताया जाता है। वहीं, यहां से कल्पवासी भोज करना के बाद ही घर की ओर जाएंगे क्योंकि मान्यता है कि बिना ब्राह्मणों को भोज कराए कल्पवास पूर्ण नहीं होगा।

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