Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि पर इन पांच मंदिरों का दर्शन करना बहुत शुभ है; अगर आप किसी एक में जलाभिषेक करते हैं, तो आपको कष्ट से छुटकारा मिलेगा।

Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि बहुत पवित्र दिन है। भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह इस दिन हुआ था। यही कारण है कि इस दिन विशेष पूजा आदि का विधान है। ऐसे में आइए बताते हैं कि इस दिन किन मंदिरों में दर्शन करने जरूर जाएं।
Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि का पावन पर्व हर साल फाल्गुन की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन भोलेनाथ और मां पार्वती का विवाह हुआ था। इसलिए इस दिन शिव बारात काशी विश्वनाथ, उज्जैन के महाकालेश्वर सहित कई मंदिरों में निकाली जाती है। इस दिन मंदिरों में जातक शिव परिवार को प्रसन्न करने के लिए विशेष अनुष्ठान भी करते हैं। कहा जाता है कि यह दिन साधना, भक्ति और आत्मिक प्रगति के लिए खास है।
माना जाता है कि इस दिन सच्चे मन से भगवान शंकर की उपासना करने से दुख दूर होता है। साथ ही जातक को सुख, समृद्धि और शांति मिलती है। ज्योतिषियों का कहना है कि महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक करना ही जातक को शुभफल देगा। साथ ही, कुछ विशेष उपायों का पालन करने से उसे कष्ट भी मिलता है। साथ ही अगर नीचे बताए गए ज्योतिर्लिंगों के दर्शन किए तो आपके कष्ट दूर हो जाएंगे।
काशी विश्वनाथ
वाराणसी में काशी विश्वनाथ की अधिक मान्यता है। माना जाता है कि भगवान शंकर ने इस नगरी को बसाया था। यह कहा जाता है कि इस स्थान पर आने से जातक के पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष मिलता है।
उज्जैन में महाकालेश्वर स्थान
महाकालेश्वर में स्वयं विराजमान हैं, इसलिए उज्जैन को महाकाल की नगरी कहा जाता है। मान्यता है कि ये राजों के राजा हैं। यह मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में स्थित है। यहां दर्शन मात्र के आपके पापों का नाश हो जाता है।
सोमनाथ (गुजरात)
इसका स्थान गुजरात के प्रभास क्षेत्र में है। माना जाता है कि यह ज्योतिर्लिंग हवा में था। इस मंदिर को महमूद गजनवी ने कई बार इसे तोड़ा लेकिन शिवलिंग का बाल भी बांका न कर सके।
भीमशंकर (महाराष्ट्र)
माना जाता है कि भीमशंकर मंदिर नासिक से लगभग 120 किलोमीटर दूर सह्याद्रि पर्वत पर बसा हुआ है।
नागेश्वर
नागेश्वर गुजरात के बड़ौदा में बसे हुए हैं। इसे भी 12 ज्योतिर्लिंगों में गिना जाता है। इस दिन यहां दर्शन करने जातकों को जाना चाहिए