मार्गशीर्ष दुर्गा अष्टमी 2025: जानें मार्गशीर्ष माह में दुर्गा अष्टमी कब है, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व। माता दुर्गा की कृपा पाने के लिए इस दिन व्रत और पूजन का तरीका पढ़ें।
मार्गशीर्ष दुर्गा अष्टमी 2025 के दिन माता दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस दिन व्रत और पूजन करने से घर में खुशहाली आती है और सभी दुख-संकट दूर रहते हैं। मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को विशेष रूप से माता दुर्गा को समर्पित किया गया है। इस दिन श्रद्धा और भक्ति के साथ दुर्गा अष्टमी का पूजन किया जाता है।
मार्गशीर्ष दुर्गा अष्टमी 2025 तिथि और समय
वैदिक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि 28 नवंबर 2025 की रात 12:29 बजे से शुरू होकर 29 नवंबर 2025 की रात 12:15 बजे समाप्त होगी। माता दुर्गा की पूजा निशा काल (रात) में की जाती है। इसलिए, इस वर्ष 28 नवंबर 2025 को मार्गशीर्ष दुर्गा अष्टमी मनाई जाएगी।
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दुर्गा अष्टमी पूजा विधि
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सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
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घर के मंदिर को साफ करें और पूजा की तैयारी करें।
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हाथ में गंगाजल, चावल और फूल लेकर माता दुर्गा का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें।
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साफ चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर माता दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। यदि संभव हो तो कलश भी रखें।
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माता दुर्गा को लाल चुनरी, रोली, कुमकुम, अक्षत, लाल फूल, माला, धूप, दीप और नैवेद्य (मिठाई, फल, लौंग-इलायची) अर्पित करें।
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माता को सोलह श्रृंगार की सामग्री चढ़ाएं। शुद्ध घी का दीपक जलाएं और दुर्गा मंत्रों का जाप करें।
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दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
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पूजा के अंत में माता दुर्गा की आरती करें। संभव हो तो 2-10 वर्ष की छोटी कन्याओं को भोजन कराएं।
दुर्गा अष्टमी का महत्व
मासिक दुर्गा अष्टमी का व्रत रखने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। माता दुर्गा शत्रुओं का नाश करती हैं और भक्तों को भय से मुक्ति देती हैं। इस व्रत से अध्यात्मिक उन्नति, सुख-शांति, धन-समृद्धि और सौभाग्य बढ़ता है।
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