यूक्रेन में फंसे हजारों भारतीय छात्रों को अपने देश वापस लाएगी मोदी सरकार, जानें प्लान B

यूक्रेन के बॉर्डर शहर खर्कीव में रूसी सेना के फाइटर जेट्स और टैंकों की गोलाबारी के बीच करीबन 15000 भारतीय छात्र फंसे हैं जैसे जैसे समय बीत रहा है उनकी बेचैनी भी बढ़ती जा रही है। इन भारतीय स्टूडेंट्स ने यूक्रेन के बेसमेंट, बंकर और यहां तक कि अंडर पास व मेट्रो स्टेशंस में छिपे है, इनमें से कई छात्र तो ऐसे हैं जिनके पास खाने पीने का सामान भी धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है। अपने घरों से हजारों किलोमीटर दूर यूक्रेन में भूखे प्यासे इन छात्रों ने अपने जीवन में कभी ऐसे बुरे हालात की कल्पना नहीं की थी।
छात्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार उनका कहना है कि वह सभी नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी के छात्र हैं जो रूस की सीमा से करीब 35 किलोमीटर दूर है यहां चारों तरफ धमाके हो रहे हैं और भारी सैन्य वाहन सड़कों पर गश्त करते दिखाई दे रहे हैं। इस शहर के अधिकतर लोग शहर छोड़कर जा रहे हैं लेकिन हम भारतीय छात्र कहीं नहीं जा सकते इसीलिए हम एक बेसमेंट में छिपे हुए हैं, शहर के अधिकतर लोग भी यहां बेसमेंट में ही है। हालात खराब होने की भनक के कारण हम सभी ने चार पांच दिन का खाने का सामान खरीद लिया था यहां अंधेरा है बिजली कटी हुई है और रह-रहकर धमाकों की आवाज से हम सहम जा रहे हैं
वही इन छात्रों को स्वदेश सकुशल वापस लाने के लिए विदेश मंत्रालय तमाम कोशिशें करना है यूक्रेन भेजी गई भारतीय फ्लाइट्स को गुरुवार को बैरंग वापस लौटना पड़ा। ऐसे में भारतीय सरकार अपने नागरिकों को वापस लाने के नए प्लान पर काम कर रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं अपने कैबिनेट सहयोगियों को निर्देश दिया है कि यूक्रेन फंसे भारतीयों को सकुशल स्वदेश लाना हमारी सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।

आपको बता दें कि रूस के हमले की वजह से राजधानी कीव के हवाई अड्डे का संचालन ठप हो चुका है यही कारण है कि विशेष विमान भेजकर भी भारतीय विद्यार्थी को निकालने की योजना प्रभावित हुई है। ऐसे में भारत यूक्रेन की पश्चिमी सीमा से सटे दूसरे देशों के जमीनी रास्ते से विद्यार्थियों को वापस निकालने में जुटा है।
विदेश सचिव हर्ष सिंगला ने आश्वासन देते हुए कहा है कि यूक्रेन में फंसे सभी भारतीयों को सुरक्षित वापस लाया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि यूक्रेन से सटे 4 देशों में पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाकिया और हंगरी के रास्ते भारतीय विद्यार्थियों को और दूसरे नागरिकों को निकालने का काम शुरू हो गया है और इन देशों से अलग-अलग 10 भारतीय राजनयिकों की टीम यूक्रेन के लिए रवाना भी हो चुकी हैं।
यूक्रेन में तकरीबन 20,000 भारतीय नागरिक और विद्यार्थी थे जिनमें से 4,000 पिछले 10 दिनों में वहां से निकल भी चुके हैं। उधर केंद्र सरकार पर केरल, तमिलनाडु और बिहार जैसे राज्यों की तरफ से लगातार दबाव बनाया जा रहा है कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे को उठाया और केंद्र से एक कदम उठाने की अपील की वहीं तमिलनाडु और केरल के मुख्यमंत्रियों ने विदेश मंत्री को पत्र लिखा और यूक्रेन में फंसे अपने राज्य के विद्यार्थियों को बचाने की अपील की।

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