Punjab News: अनुराग वर्मा ने कहा आगामी मानसून के दौरान किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार पंजाब सरकार !
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- आगामी मानसून सीजन के दौरान किसी भी स्थिति से निपटने के लिए Punjab सरकार पूरी तरह तैयार: अनुराग वर्मा
- मुख्य सचिव ने उच्च अधिकारियों के साथ मीटिंग करके बाढ़ की रोकथाम के प्रबंधों का जायज़ा लिया
- 321 करोड़ रुपए के किए जा रहे है काम
- डिप्टी कमिश्नरों को मौके पर स्थानों का जायज़ा लेने और साप्ताहिक समीक्षा करने के दिए निर्देश
Punjab के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की तरफ से आगामी मानसून सीजन दौरान किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रबंधों का जायज़ा लेने के दिए निर्देशों पर मुख्य सचिव श्री अनुराग वर्मा ने सम्बन्धित विभागों के उच्च अधिकारियों और सभी डिप्टी कमिश्नरों के साथ मीटिंग की और बाढ़ की रोकथाम सम्बन्धित कामों की स्थिति और तैयारियों का जायज़ा लिया।
मुख्य सचिव श्री वर्मा ने कहा कि राज्य सरकार आने वाले मानसून सीजन दौरान किसी भी स्थिति के साथ निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि Punjab में बड़ी संख्या में काम प्रगति अधीन है जो मानसून शुरू होने से पहले पूरे कर लिए जाएंगे। बाढ़ के सीजन के लिए की जा रही तैयारियों का नोटिस लेते हुए मुख्य सचिव ने डिप्टी कमिश्नरों को पिछली घटनाओं को ध्यान में रखते अलग- अलग रणनीतक स्थानों पर मिट्टी के साथ भरे ई.सी. बैगों का स्टाक रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि डिप्टी कमिशनर अपने- अपने जिलों में किए गए कामों का जायज़ा लेने और अपने अधिकार क्षेत्र अधीन संवेदनशील स्थानों का दौरा कर समीक्षा करे।
मुख्य सचिव ने राज्य सरकार की तरफ से किये जा रहे कामों के विवरण जारी करते बताया कि जल स्रोत विभाग द्वारा पहली बार स्टेट डिज़ास्टर मिटीगेशन फंड ( एस.डी.एम.एफ.) के द्वारा 75 करोड़ रुपए की लागत वाले 65 काम किए जा रहे है। इसके इलावा मगनरेगा अधीन और उनके साथ मिल कर लगभग 150 करोड़ रुपए के 716 काम किये जा रहे है। इसके साथ ही लगभग 15 करोड़ रुपए के 129 काम विभागीय मशीनरी के द्वारा पूरे किये जाने है। उन्होंने आगे बताया कि प्राथिकमता और ज़रूरत के आधार पर स्टेट फंडों के द्वारा लगभग 81 करोड़ रुपए के 327 काम किये जाने का प्रावधान है। इस तरह जल स्रोत विभाग की तरफ से साल 2024- 25 में लगभग 321 करोड़ रुपए के कुल 1237 काम किए जाएंगे। इस बार ड्रेनों के किनारों पर बाँस के पौधे लगा कर नयी पहलकदमी शुरू की है। बाँस के पौधे प्राकृतिक रुकावट के तौर पर काम करते है और ड्रेन के किनारों को होने वाले नुक्सान को रोकते हैं। ड्रेनों के साथ कुल 2 50, 000 बाँस के पौधे लगाए गए हैं। विभाग की तरफ से बाढ की रोकथाम के लिए चैक डैमों का निर्माण का काम भी शुरू किया गया है। ड्रेनों/ नालों पर लगभग 432 चैक डैम बनाऐ गए है।
मुख्य सचिव श्री वर्मा ने एन. एच. ए. आई., लोक निर्माण विभाग और मंडी बोर्ड को बाढ़ के पानी में आने वाली संभावित रुकावटों को दूर करने के निर्देश दिए जिससे पानी के बहाव में कोई रुकावट न आए। एन. एच. ए. आई. ने कहा कि मानसून की शुरुआत से पहले ड्रेनों की सफ़ाई को यकीनी बनाया जाएगा।
मीटिंग में प्रमुख सचिव वित्त अजोए कुमार सिन्हा, प्रमुख सचिव जल स्रोत कृष्ण कुमार, सचिव लोक निर्माण प्रियांक भारती, सचिव राजस्व अरशदीप सिंह थिंद, सचिव वित्त दिपरवा लाकड़ा, सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायत अमित कुमार, सचिव कृषि अजीत जोशी और वीडियो कानफरंसिंग के द्वारा एन. एच. आई. के अधिकारी और समूह डिप्टी कमिश्नर उपस्थित थे।