धर्मट्रेंडिंग

Pushya Nakshatra 2023: आज और कल क्या कर सकते हैं? पुष्य नक्षत्र कब से शुरू होता है? इसे नक्षत्रों का सम्राट क्यों कहा जाता है?

Pushya Nakshatra 2023

Pushya Nakshatra 2023: दिवाली के बाद 1 और 2 दिसंबर 2023 को पुष्य नक्षत्र होंगे। इन दो दिनों में पुष्य नक्षत्र होगा। इन दो दिनों में शुभ मांगलिक कार्यों को करने का सबसे अच्छा समय माना जाता है। हिंदू धर्म में पुष्य नक्षत्र को शुभ कार्यों के लिए बेसब्री से इंतजार किया जाता है।

इसमें घर आना, शादी करना, विवाह करना और नया व्यवसाय शुरू करना बहुत अधिक सफल होता है। आइए पुष्य नक्षत्र की शुरुआत कब से होगी, इसका क्या महत्व है और इसमें क्या करना चाहिए।

पुष्य नक्षत्र 2023 कब से शुरू (Pushya Nakshatra in December 2023)

पंचांग के अनुसार, 1 दिसंबर 2023 को शाम 4 बजकर 40 मिनट पर पुष्य नक्षत्र शुरू होगा और 2 दिसंबर 2023 को शाम 6 बजकर 54 मिनट पर समाप्त होगा।

पुष्य नक्षत्र को है नक्षत्रों का सम्राट

Pushya Nakshatra 2023: पुस्तकों में बताया गया है कि पुष्य नक्षत्र सर्वसिद्धिकर है। पुष्य का अर्थ है पोषण, ऊर्जा और शक्ति। ऋग्वेद में पुष्य नक्षत्र मंगलकारक है। यही कारण है कि 27 नक्षत्रों की सूची में इसे सभी का राजा माना जाता है। पुष्य नक्षत्र आठवां है। पुष्य नक्षत्र का अधिपति बृहस्पति है। इस नक्षत्र का स्वामी शनि है और इसकी राशि कर्क है। इस नक्षत्र में पूजा करना सौभाग्य, सुख और समृद्धि लाता है। इस नक्षत्र में खरीदी गई कोई भी वस्तु आपको लंबे समय तक सुख समृद्धि देगी।

पुष्य नक्षत्र में जन्मा व्यक्ति

शनि और बृहस्पति दोनों पुष्य नक्षत्रों से जुड़े हैं। पुष्य नक्षत्र के देव बृहस्पति शुभता, बुद्धि और ज्ञान का प्रतीक हैं, और शनि स्थायित्व का प्रतीक है, इसलिए दोनों मिलकर पुष्य को शुभ और चिरस्थायी बनाते हैं। इस नक्षत्र के लोग अपने लक्ष्यों को धीरे-धीरे पूरा करते हैं और कभी पीछे नहीं हटते।

ASHNEER GROVER: भारत पे के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट करने पर अश्नीर ग्रोवर को दिल्ली हाईकोर्ट ने 2 लाख रुपये का जुर्माना ठोंका

पुष्य नक्षत्र में क्या-क्या कर सकते हैं

शुक्रवार को पुष्य नक्षत्र में किसी भी नए काम की शुरुआत करना शुभ माना जाता है, लेकिन इसके लिए विशेषज्ञ से सलाह लें।

विवाह या समस्त मांगलिक कार्य के लिए कुछ खरीदना (जैसे सोना-चांदी, वाहन, जमीन आदि) बहुत शुभ होता है।

बच्चे की पढ़ाई करने से उनकी बुद्धि और करियर में सुधार होता है।

यह योग भी धार्मिक अनुष्ठानों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।

पुष्य नक्षत्र में शादी करना गैरकानूनी है।

फेसबुक और ट्विटर पर हमसे जुड़ें और अपडेट प्राप्त करें:

facebook-https://www.facebook.com/newz24india

twitter-https://twitter.com/newz24indiaoffc

Related Articles

Back to top button