प्रदोष व्रत के उपाय: सावन के पहले प्रदोष व्रत बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं इस दिन के लिए कुछ विशिष्ट उपाय।
प्रदोष व्रत के उपाय: भगवान शिव का बहुत प्रिय महीना सावन है, मान्यता है कि इसी महीने भगवान शिव ने देवी पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। भगवान शिव एक बहुत सरल और साधारण देवता है। इस महीने भोलेनाथ के अनुयायी कांवड़ लेकर बाबा को जलाभिषेक करते हैं। सोमवार और प्रदोष व्रतों का उद्देश्य भगवान शिव को प्रसन्न करना है।
भक्त भगवान शिव को इस दिन संध्या या प्रदोष काल में पूजते हैं। माना जाता है कि प्रदोष व्रत के उपाय भगवान शिव को प्रसन्न करता है और सुख-समृद्धि देता है। साथ ही आपको पैसे की कमी से छुटकारा मिलता है।
सावन का पहला प्रदोष कब है?
वैदिक पंचांग के अनुसार, 22 जुलाई की सुबह 07.05 बजे सावन कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि शुरू होगी और 23 जुलाई की सुबह 04.39 बजे समाप्त होगी। भगवान शिव की पूजा निशित काल में होती है, ऐसे में प्रदोष व्रत 22 जुलाई को ही मनाया जाएगा।
सावन का पहला प्रदोष व्रत के उपाय
गेहूं और धतूरा
सावन के पहले प्रदोष व्रत में भगवान शिव को गेहूं और धतूरे से अभिषेक करें। इस समय भोलेनाथ से अपने जीवन में खुशियों और सुख की कामना करें। माना जाता है कि इस उपाय के करने से जातक के जीवन में संतान सुख की प्राप्ति होती है।
कच्चा चावल
अगर आपके पास पर्याप्त पैसे नहीं हैं, तो प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव को कच्चा चावल अर्पित करें। ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और जातक को धन लाभ मिलता है।
लाल चन्दन
इस दिन आप भोलेनाथ को लाल चंदन भी अर्पित कर सकते हैं। इस प्रक्रिया को अपनाने से जातक की कुंडली मजबूत होगी और समाज में उसे सम्मान मिलेगा।
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