शनिवार के दिन सुंदरकांड पाठ: विधि, लाभ और हनुमान जी का आशीर्वाद

शनिवार को सुंदरकांड पाठ करने के सही तरीका, लाभ और महत्व जानें। हनुमान जी और शनिदेव की कृपा से जीवन में शांति, संकटमोचन और सकारात्मक ऊर्जा पाएँ।

Sunderkand Path Benefits – (सुंदरकांड पाठ) शनिवार का दिन हनुमान भक्तों के लिए विशेष माना जाता है। ज्योतिष और पौराणिक कथाओं के अनुसार, शनिवार को भगवान शनिदेव से जुड़े कष्ट और बाधाएं अक्सर जीवन में दिखाई देती हैं। ऐसे में शनिवार को सुंदरकांड पाठ करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। यह पाठ न केवल मानसिक शांति देता है बल्कि जीवन में आने वाली कठिनाइयों और संकटों को दूर करने का माध्यम भी है।

शनिवार को सुंदरकांड पाठ का महत्व

हिंदू धर्म शास्त्रों में गोस्वामी तुलसीदास कृत ‘श्री रामचरितमानस’ का पांचवां अध्याय, सुंदरकांड, भक्तों के लिए चमत्कारी और शक्तिशाली माना गया है। कहा जाता है कि शनिवार के दिन इस पाठ को करने से हनुमान जी और शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है। इससे ग्रह दोष, साढ़ेसाती और ढैय्या के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।

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शनिवार को सुंदरकांड पाठ करने के प्रमुख लाभ

शनि दोष से मुक्ति: शनिवार को सुंदरकांड पाठ करने से शनि दोष और साढ़ेसाती के कष्ट कम होते हैं।

मनोकामना की पूर्ति: लगातार शनिवार को सुंदरकांड पाठ करने से भक्त की इच्छाएं शीघ्र पूरी होती हैं।

आत्मविश्वास में वृद्धि: पाठ से हनुमान जी का बल और बुद्धि मिलती है, जिससे आत्मविश्वास और साहस बढ़ता है।

संकट और भय से रक्षा: यह पाठ जीवन में आने वाले अज्ञात संकटों और भय से सुरक्षा प्रदान करता है।

नकारात्मक ऊर्जा का नाश: घर में मौजूद बुरी शक्तियों और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में मदद करता है।

सही विधि: शनिवार को सुंदरकांड पाठ कैसे करें

शनिवार को सुंदरकांड पाठ के लिए ब्रह्म मुहूर्त या शाम का समय सबसे शुभ माना जाता है। सबसे पहले स्नान कर साफ वस्त्र पहनें और लाल कपड़ा बिछाकर हनुमान जी, भगवान राम और माता सीता की मूर्ति/तस्वीर स्थापित करें। शुद्ध घी का दीपक जलाएं, फूलमाला और सिंदूर अर्पित करें। पाठ शुरू करने से पहले अपनी मनोकामना का संकल्प लें।

“राम सिया राम सिया राम जय जय राम” का जाप करते हुए सुंदरकांड पाठ करें। इसे अधूरा न छोड़ें और एक ही बैठक में पूरा करने का प्रयास करें। पाठ समाप्त होने के बाद हनुमान चालीसा पढ़ें और भगवान हनुमान जी की आरती करें। अंत में भोग प्रसाद वितरण करें।

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