कोविड-19 महामारी का ओमिक्रॉन वैैरिएंट अब नियंत्रण में है और लाइफ नॉर्मल हो रही है। अब डब्ल्यूएचओ की जो रिपोर्ट सामने आई है वो काफी चौकाने वाली है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट मेंटल हेल्थ को लेकर काफी चिंतित है, जोकि पूरी दुनिया में एक गंभीर सिनेरियो दिखा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि चल रहे कोविड-19 महामारी ने मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाला है, जो यह दर्शाता है कि दुनिया भर में चिंता और डिप्रेशन के मामलों में 25 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है। एक ताजा वैज्ञानिक ब्रीफ में, डब्ल्यूएचओ ने यह भी पाया कि कोविड-19 महामारी ने कई मामलों में मेंटल हेल्थ सर्विस को काफी बाधित किया है। साथ सुसाइडल बिहेवियर में वृद्धि के बारे में चिंता जताई।
🆕 #COVID19 pandemic triggers 25% increase in prevalence of anxiety & depression worldwide: New WHO publication
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— World Health Organization (WHO) (@WHO) March 2, 2022
ब्रीफ जो जो बड़ी संख्या में अध्ययनों की एक साथ की गई समीक्षा पर आधारित था, ने निर्धारित किया कि दुनिया ने अकेले 2020 में प्रमुख डिप्रेसिव डिस्ऑर्डर के मामलों में 27.6 फीसदी की वृद्धि देखी। कोविड-19 महामारी के पहले वर्ष के दौरान दुनियाभर में एंजाइटी डिस्ऑर्डर के मामलों में भी 25.6 फीसदी की वृद्धि हुई थी। डब्ल्यूएचओ के मानसिक स्वास्थ्य और पदार्थ उपयोग विभाग के ब्रैंडन ग्रे जिन्होंने वैज्ञानिक ब्रीफ का कॉर्डिनेशन किया है ने कहा कि यह एक बहुत बड़ी वृद्धि है। पुरुषों की तुलना में महिलाएं और लड़कियां अधिक प्रभावित हुईं, और युवा लोग, विशेष रूप से 20 से 24 वर्ष की आयु के लोग वृद्ध वयस्कों की तुलना में अधिक प्रभावित हुए।
सुसाइडल बिहेवियर
इस बीच आत्महत्या के आंकड़े मिले–जुले थे और कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से वैश्विक दरों में बदलाव स्पष्ट रूप से नहीं दिखा।कुछ देशों के डाटा ने बढ़ती दरों को दिखाया, लेकिन अन्य ने दिखाया कि दरें घट गई हैं या वही बनी हुई हैं। लेकिन ग्रे ने बताया कि ऐसे आंकड़ों को इक_ा करने और उनका विश्लेषण करने में अक्सर देरी होती है। उन्होंने कहा मुझे नहीं लगता कि इन परिणामों को यह इंगित करने के लिए लिया जाना चाहिए कि सुसाइडल बिहेवियर चिंता का विषय नहीं है।
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इस बीच यह पाया गया कि अध्ययन ने संकट की शुरुआत के बाद से युवा लोगों में आत्महत्या के प्रयासों और खुद को नुकसान पहुंचाने सहित सुसाइडल बिहेवियर के एक हाई रिस्क का संकेत दिया। स्वास्थ्य कर्मियों के बीच थकावट, अकेलापन और सकारात्मक कोविड -19 निदान इस बीच सुसाइडल विचारों के जोखिम को बढ़ाने के लिए दिखाया गया था। अध्ययन से यह भी पता चला है कि मेंटल डिस्ऑर्डर से पीडि़त लोगों में कोविड से गंभीर बीमारी और मृत्यु का खतरा बढ़ गया था। ग्रे ने कहा कि लिंक को समझने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।
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बुधवार के अध्ययन से यह भी पता चला है कि 2020 में महामारी के परिणामस्वरूप मेंटल हेल्थ सर्विसेज व्यापक रूप से बाधित हो गई थीं, आवश्यक देखभाल तक पहुंच कम हो गई थी। ऑनलाइन हेल्थ सर्विस की ओर सेवाओं को ट्रांसफर करके कई केसों में इन व्यवधानों को कम किया गया। अध्ययन ने बताया कि इस बदलाव ने स्पष्ट रूप से कम इंटरनेट एक्सेस या तकनीकी साक्षरता के निम्न स्तर वाले लोगों की उचित देखभाल के लिए बाधाओं को बढ़ा दिया है।