साइबर क्राइम करने वालों को सिम कार्ड कौन उपलब्ध कराता है इसका खुलासा शिवपुरी के तीन युवकों ने किया है। दरअसल भोपाल की साइबर टीम की पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई है कि पकड़े गए आरोपी दूसरे प्रदेशों के साइबर ठगों को सिम कार्ड उपलब्ध कराते थे। अब तक इन तीनों ने 1200 से ज्यादा सिम कार्ड एक्टिवेट कर दिल्ली, उत्तर प्रदेश और झारखंड समेत अन्य राज्यों के साइबर ठगों को बेचा है। जानकारी अनुसार, तीन दिन पहले भोपाल की साइबर टीम ने करैरा के तीन युवाओं को हिरासत में लिया था।
गौरतलब है कि इनमें से आरोपी हेमंत लोधी बीएससी कर चुका है और वह पुलिस आरक्षक की भर्ती की तैयारी कर रहा है। इसका काम सिम कार्ड एक्टीवेट करना था। वहीं, दूसरा आरोपी दिलीप गुर्जर निवासी करैरा शिवपुरी आइटीआइ कर चुका है। वह फर्जी दस्तावेज बनाकर उस पर सिम कार्ड को एक्टीवेट करता था। तीसरा आरोपी रोहित योगी आठवीं तक पढ़ा है। वह कोरियर कंपनी में काम कर चुका है और उसका काम सिम कार्ड को दिल्ली ले जाकर बेचना था।
बतादें कि ये तीनों किसी अन्य व्यक्ति के आधार कार्ड पर खुद का फोटो लगाते हैं और दूसरे जिले का फर्जी पता डालकर सिम कार्ड की डिस्ट्रीब्यूटरशिप लेते थे। इसके बाद कूटरचित दस्तावेजों का इस्तेमाल कर सिम कार्ड एक्टिवेट करते थे।
जनवरी में दिनारा पुलिस ने करैरा के गजेंद्र पाल, संतोष पाल, सतीश तोमर, मिथुन झा को 120 सिमकार्ड सहित गिरफ्तार किया था। इसमें गजेंद्र का फोटो आधारकार्ड पर चिपकाकर फर्जी तरीके से सिम कार्ड एक्टिवेट किए जाते थे। इन्होंने कई राज्यों में सिम बेचना कबूला था।
इंदौर में लगातार बढ़ रहे साइबर ठगी के मामले
इंदौर में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। जनवरी में ही क्राइम ब्रांच के पास आनलाइन ठगी की 600 से अधिक शिकायतें आ चुकी हैं। अब तो प्रतिदिन 20 शिकायतें आ रही हैं। लाकडाउन के बाद मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।
बिहार के आरोपित के पास मिला शिवपुरी का सिम कार्ड
. 6 दिसंबर 2021 को अनिल कुमार नाम के व्यापारी ने शिकायत की थी कि 10 दिसंबर 2021 उसके पास फोन काल आया।
. फोन करने वाले ने खुद को बैंक अधिकारी बताकर उसके क्रेडिट कार्ड प्लान बंद करने की बात की।
. इसके बाद कार्ड की जानकारी लेकर 1ण्16 लाख रुपये खाते से निकाल लिए थे।
. अनिल कुमार ने इसकी शिकायत साइबर क्राइम भोपाल में की।
. पुलिस ने उस नबंर का पता किया तो आरोपित बिहार के रहने वाले निकले। वह सिम कार्ड शिवपुरी की चला रहे थे।
. आरोपितों ने गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में बताया कि उन्हें यह सिम कार्ड दिल्ली से पहुंचाई गई थी।
. कड़ी से कड़ी जोड़ती हुई पुलिस करैरा तक पहुंच गई।
शिवपुरी के यह आरोपित सिम कार्ड एक्टिवेट कर उनको दिल्ली में साइबर बदमाशों को बेच रहे थे। चार माह में करीब 1200 सिम कार्ड यूपी, दिल्ली, झारखंड में बेचे गए।
वहीं, अक्षत चौधरी, एसीसी साइबर क्राइम भोपाल का कहना है कि पिछले एक महीने में इस तरह के मामले सामने आए हैं। यहां पर इस तरह के कुछ गिरोह पनपे हैं। कई लोगों को पकड़ने में पुलिस को सफलता भी मिली है। पुलिस साइबर टीम की मदद से ऐसे अपराधियों को चिन्हित कर पकड़ने का काम करेगी।