शुभमन गिल ने रचा इतिहास, पहली ही सीरीज में सौरव गांगुली की बराबरी की

शुभमन गिल ने पहली बार टेस्ट कप्तान बनकर इंग्लैंड में सीरीज ड्रॉ कर इतिहास रचा। जानें कैसे उन्होंने सौरव गांगुली जैसी बराबरी की और राहुल द्रविड़ जैसे करिश्मे की ओर बढ़ रहे हैं।

भारतीय क्रिकेट टीम के युवा बल्लेबाज़ शुभमन गिल ने अब खुद को सिर्फ एक उम्दा बल्लेबाज़ ही नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार कप्तान के रूप में भी साबित किया है। हाल ही में इंग्लैंड दौरे पर गई भारतीय टेस्ट टीम की कमान पहली बार गिल को सौंपी गई थी। जहां शुरुआत में आलोचना झेलनी पड़ी, वहीं अंत में उन्होंने वही कर दिखाया जो सालों पहले सौरव गांगुली ने इंग्लैंड में किया था सीरीज को बराबरी पर खत्म करना।

शुभमन गिल की कप्तानी में भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज रही बराबरी पर

जब शुभमन गिल को भारतीय टेस्ट टीम का कप्तान बनाया गया था, तब क्रिकेट विशेषज्ञों और फैंस के बीच इस फैसले को लेकर सवाल उठने लगे थे। उनके नेतृत्व में टीम ने पहला ही टेस्ट मैच गंवा दिया, जिससे आलोचना और तेज हो गई। लेकिन इसके बाद गिल ने अपने नेतृत्व में वापसी करते हुए सीरीज को 1-1 से बराबरी पर समाप्त किया, जो उनकी कप्तानी की परिपक्वता को दर्शाता है।

सौरव गांगुली की तरह सीरीज बराबर, लेकिन द्रविड़ जैसी जीत बाकी

शुभमन गिल की यह उपलब्धि उस दौर की याद दिलाती है जब सौरव गांगुली ने पहली बार इंग्लैंड में बतौर कप्तान सीरीज खेली थी और वह भी 1-1 से ड्रॉ रही थी। यह एक बड़ी उपलब्धि मानी गई थी क्योंकि भारतीय टीम विदेशों में टेस्ट सीरीज में संघर्ष करती रही है।

हालांकि, अगर बात राहुल द्रविड़ की करें तो उन्होंने 2007 में इंग्लैंड जाकर टेस्ट सीरीज जीतने का इतिहास रचा था। उस समय भारत ने तीन मैचों की सीरीज में 1-0 से जीत दर्ज की थी। तब से अब तक टीम इंडिया इंग्लैंड में कोई टेस्ट सीरीज नहीं जीत सकी है।

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धोनी और कोहली भी नहीं दोहरा पाए ये कारनामा

अगर पिछले कप्तानों की बात करें, तो एमएस धोनी की कप्तानी में भारत को इंग्लैंड में करारी हार झेलनी पड़ी थी। वहीं, विराट कोहली, जिनका फॉर्म उस सीरीज में शानदार था, इंग्लैंड में सीरीज नहीं जीत सके। टीम ने कुछ करीबी मुकाबले ज़रूर खेले लेकिन अंततः इंग्लैंड ने जीत हासिल की।

क्या शुभमन गिल बन सकते हैं अगला टेस्ट विजेता कप्तान?

शुभमन गिल ने अपनी कप्तानी से यह संकेत तो दे दिया है कि उनमें लंबे समय तक टीम इंडिया की कमान संभालने की काबिलियत है। हालांकि, अंग्रेज़ों की ज़मीन पर टेस्ट सीरीज जीतने का सपना अब भी अधूरा है, जैसा कि राहुल द्रविड़ ने कर दिखाया था।

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