धर्म

सावन प्रदोष व्रत 2025: इस दिन न करें ये गलतियां, वरना रूठ सकते हैं भोलेनाथ

सावन प्रदोष व्रत 2025 मंगलवार 22 जुलाई को पड़ रहा है। जानें इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त, शिव जी को प्रिय भोग, और किन वस्तुओं से करें परहेज़ ताकि शिव जी हों प्रसन्न।

सावन प्रदोष व्रत 2025: सावन का पवित्र महीना शिवभक्ति और उपासना के लिए विशेष रूप से समर्पित होता है। इसी क्रम में इस साल का पहला सावन प्रदोष व्रत मंगलवार, 22 जुलाई 2025 को मनाया जाएगा। (सावन प्रदोष व्रत 2025)यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है और जब यह मंगलवार को आता है, तो इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है। इस दिन शिवजी की आराधना विशेष फलदायी मानी जाती है, लेकिन कुछ खास नियमों का पालन भी आवश्यक है। यदि इन नियमों का उल्लंघन किया जाए, तो शिवजी रुष्ट हो सकते हैं।

क्यों खास है सावन का भौम प्रदोष व्रत? (सावन प्रदोष व्रत 2025)

हर महीने में दो बार आने वाला प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है — एक बार शुक्ल पक्ष में और दूसरी बार कृष्ण पक्ष में। सावन का यह पहला प्रदोष व्रत 22 जुलाई को पड़ रहा है और मंगलवार होने के कारण इसे भौम प्रदोष कहा जाएगा। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव के साथ-साथ हनुमान जी की कृपा भी प्राप्त होती है। खासतौर पर यह व्रत मांगलिक दोष को शमन करने और करियर से जुड़ी बाधाओं को दूर करने के लिए अति फलदायी माना गया है।

पूजा का शुभ मुहूर्त

  • प्रदोष तिथि आरंभ: 22 जुलाई 2025, सुबह 7:05 बजे

  • प्रदोष तिथि समाप्त: 23 जुलाई 2025, सुबह 4:39 बजे

  • पूजा का शुभ समय (प्रदोष काल): 22 जुलाई को शाम 7:18 बजे से रात 9:22 बजे तक

इस समय के दौरान भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करने से विशेष पुण्य और इच्छित फल की प्राप्ति होती है।

भोग में क्या अर्पित करें?

प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव को उनके प्रिय भोग चढ़ाना विशेष शुभ माना गया है। इस दिन शिवलिंग पर धतूरा, शमी, कनेर के पुष्प चढ़ाएं। साथ ही भोग में खीर, बर्फी, मालपुआ, ठंडाई और भांग अर्पित कर सकते हैं। ऐसा करने से शिवजी अत्यंत प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख-शांति का वास होता है।

भूलकर भी न करें ये कार्य, नहीं तो शिवजी हो सकते हैं नाराज

प्रदोष व्रत पर कुछ चीजों से परहेज़ करना अत्यंत आवश्यक है।

  • इस दिन तामसिक भोजन (मांस, मछली, अंडा, लहसुन-प्याज आदि) से दूर रहें।

  • नमक का सेवन भी इस दिन वर्जित माना गया है।

  • पूजा के दौरान तुलसी दल, नारियल, टूटे हुए चावल, और केतकी के फूल भगवान शिव को अर्पित नहीं करने चाहिए। ये वस्तुएं शिव पूजा में निषेध मानी गई हैं।
    इन नियमों का उल्लंघन भगवान शिव की नाराज़गी का कारण बन सकता है।

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