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Thyroid Symptoms In Women: थायराइड का प्रभाव महिलाओं पर अधिक क्यों होता है? एक्सपर्ट से पता करें क्या लक्षण हैं और बचाव कैसे करें?

Thyroid Symptoms In Women: NFHs-5 के अनुसार भारत में लगभग 2.9% लोग थायरॉयड डिसऑर्डर से पीड़ित हैं। ऐसे में लोगों को थायरॉइड से जुड़ी जागरूकता देने के लिए हर साल 25 मई को विश्व थायरॉइड दिवस मनाया जाता है।

Thyroid Symptoms In Women: दुनिया भर में थायरॉयड डिसऑर्डर की दर तेजी से बढ़ रही है। भारत भी इससे पीड़ित है। NFHs-5 के अनुसार भारत में लगभग 2.9% लोग थायरॉयड डिसऑर्डर से पीड़ित हैं। यही कारण है कि थायरॉइड के बारे में लोगों को अधिक जानकारी देने के लिए 25 मई को विश्व थायरॉइड दिवस मनाया जाता है। महिलाएं इस समस्या से सबसे अधिक प्रभावित होती हैं। ध्यान दें कि थायरॉयड ग्रंथि से हार्मोन का स्राव अनियमित होने से यह समस्या होती है। डॉ. धीरज कपूर, आर्टेमिस हॉस्पिटल्स में एंडोक्राइनोलॉजी के प्रमुख, बताते हैं कि महिलाओं को थायरॉयड क्यों अधिक होता है और बचाव के लिए क्या करना चाहिए।

इसलिए महिलाओं में अधिक समस्या है

महिलाओं में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन थायरॉयड को फंक्शन करने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। महिलाओं के शरीर में इन हार्मोन का स्तर मासिक धर्म की शुरुआत, गर्भावस्था और मीनोपॉज जैसे जीवन के विभिन्न चरणों में बदलता है। यही बदलाव थायरॉयड फंक्शनिंग को प्रभावित करता है और थायरॉयड डिसऑर्डर का खतरा बढ़ाता है। प्रजनन के बाद कई महिलाओं में थायरॉयड डिसऑर्डर की समस्या होती है। यह पोस्टपार्टम थायरॉयडिटिस है। मासिक धर्म के दौरान एस्ट्रोजन के स्तर में बदलाव भी जोखिम बढ़ाता है।

इन लक्षणों को देखें

दो प्रकार के थायरॉयड रोग होते हैं: हाइपो थायरॉयडिज्म और हाइपर थायरॉयडिज्म। हाइपो थायरॉयडिज्म में थायरॉयड ग्रंथि कम सक्रिय होती है और कम हार्मोन बनते हैं। वहीं, हाइपर थायरॉयडिज्म में ग्रंथि की अतिसक्रियता से अधिक हार्मोन स्रावित होता है। दोनों लक्षणों में कुछ अंतर है।

हाइपो थायरॉयडिज्म के लक्षण:-

थकान और कमजोरी

अचानक अधिक वजन बढ़ना

ठंड अधिक लगना

रूखापन त्वचा और बालों में

मासिक धर्म का अनियमित चक्र

डिप्रेशन और डिप्रेशन एवं चिड़चिड़ापन

जोड़ों एवं मांसपेशियों में दर्द

दिल की धड़कन धीमा होना

हाइपर थायरॉयडिज्म के लक्षण

वजन कम होना

बहुत गर्मी लगना और पसीना आना

बेचैनी होना

दिल की धड़कन तेज होना

त्वचा गर्म लगना

मासिक धर्म की अनियमितता

बाल पतले व रूखे होना और ज्यादा झड़ना

अचानक कंपकंपी होना

यह निम्नलिखित लक्षणों के अलावा गले के आसपास सूजन, आवाज में बदलाव, पाचन में कठिनाई और हाथों या पैरों में सूजन भी हो सकता है।

इलाज के कई तरीके हैं

थायराइड डिसऑर्डर को ठीक करने के कई तरीके हैं। दवा का उपयोग सबसे आम है। हाइपो थायरॉयडिज्म का इलाज कुछ दवाओं से किया जाता है जो शरीर को कृत्रिम थायरॉयड हार्मोन देते हैं। हाइपर थायरॉयडिज्म में कुछ दवाएं थायरॉयड हार्मोन को बाहर निकालती हैं। कुछ मामलों में, रेडियोएक्टिव आयोडीन थेरेपी थायरॉयड सेल्स को निशाना बनाती है, इससे हार्मोन का उत्सर्जन रोका जाता है। हाइपर थायरॉयडिज्म, थायरॉयड कैंसर और कुछ अन्य गंभीर मामलों में सर्जरी करके थायरॉयड ग्रंथि हटा दी जाती है।

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