स्वास्थ्य

Shirodhara Benefits: आयुर्वेद में शिरोधारा क्या है और किन चीजों से की जाती है? शरीर को इससे क्या लाभ मिलते हैं?

Shirodhara Benefits: आयुर्वेद में शिरोधारा बहुत प्रभावी है। इससे मन शांत होता है और अच्छी नींद आती है। शिरोधारा कराने से ब्लड प्रेशर, सिरदर्द और तनाव को नियंत्रित किया जा सकता है। क्या आप जानते हैं शिरोधारा थेरेपी के लाभ?

Shirodhara Benefits: आयुर्वेद की शक्ति इतनी है कि बड़ी बीमारी को भी ठीक कर सकती है। आयुर्वेद में भोजन और समय को सबसे महत्वपूर्ण मानते हैं, जो शरीर में वात, पित्त और कप को नियंत्रित करता है। शरीर में वात, पित्त और कफ का संतुलन खराब होने पर बीमारियां परेशान करने लगती हैं। ऐसे में शिरोधारा एक प्रभावी थेरेपी है जो मन और दिमाग को शांत करता है। शिरोधारा शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है: शिरो और धारा. इसका अर्थ है कि सिर पर किसी तरल पदार्थ की धारा बहती है। शिरोधारा पारंपरिक आयुर्वेदिक उपचार पद्धति है, जिसका इस्तेमाल आयुर्वेद में हजारों सालों से किया जा रहा है। जानिए शिरोधारा किन चीजों से की जाती है और इससे क्या फायदे मिलते हैं?

किन सामग्री से शिरोधारा बनाई जाती है?

विभिन्न तरल पदार्थों से शिरोधारा बनाई जाती है। जिसमें माथे या सिर पर एक तरल पदार्थ की धारा लगाई जाती है। योगगुरु स्वामी रामदेव के अनुसार, यह तनाव, दिमाग की समस्याएं, सिर दर्द और डिप्रेशन में बहुत फायदेमंद है। शिरोधारा के लिए कौन सा तरल पदार्थ प्रयोग किया जाएगा, इसका निर्णय व्यक्ति के रोग को जानकर किया जाएगा। तेल (तेलधारा), दूध (क्षीरधारा), छाछ (तक्रधारा), नारियल का पानी या साधारण जल (जलधारा) सब शिरोधारा में प्रयोग किए जाते हैं। किसी खास जड़ी बूटी का तेल भी अक्सर उपयोग किया जाता है।

शिविर थेरेपी के लाभ

तनाव कम करना- शिरोधारा थेरेपी अतिसंवेदनशील लोगों को करवानी चाहिए। इससे तनाव कम किया जा सकता है। शिरोधारा में दिमाग की नसों को आराम मिलता है, जिसके परिणामस्वरूप शरीर और मन दोनों रिलेक्स होते हैं। इससे तनाव और स्ट्रेस हार्मोन कम होते हैं।

अच्छी नींद– आपका दिमाग शांत होता है और तनाव दूर होता है, जो आपको अच्छी नींद देता है। इस थेरेपी से कोर्टिसोल हार्मोन की मात्रा कम होती है, जिसके परिणामस्वरूप गहरी और अच्छी नींद आती है। मन शांत होता है।

ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है– इस थेरेपी से मन और दिमाग को एकाग्र करने की क्षमता बढ़ती है। जिससे आप अच्छी तरह से किसी भी चीज पर फोकस कर सकते हैं। भय और बेचैनी भी कम होती है।

वात-पित्त संतुलन होगा- शरीर में वात या पित्त दोष बढ़ने पर शिरोधारा थेरेपी बहुत अच्छी होती है। मरीज की स्थिति को समझकर ही निर्णय लिया जाता है कि किस तरल पदार्थ को चुना जाएगा।

सिर दर्द को कम करना- शिरोधारा थेरेपी बहुत अच्छी है जिन लोगों को अक्सर सिर दर्द या माइग्रेन होता है। इससे मन शांत होता है और सिरदर्द कम होता है। आंखों को भी आराम मिलता है।

थकान दूर करना- अगर आपको बहुत थकान हो रही है। घंटों कंप्यूटर पर काम करना पड़ता है तो शिरोधारा थेरेपी का सहारा ले सकते हैं। इससे मांसपेशियों के दर्द को कम किया जा सकता है। हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं में भी राहत मिलती है।

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