यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ का बड़ा फैसला: पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित परिवारों को मिलेगा भूमि स्वामित्व, 75 वर्षों की प्रतीक्षा खत्म

उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित हजारों परिवारों को भूमि स्वामित्व देने का फैसला किया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा यह सिर्फ पुनर्वास नहीं, बल्कि राष्ट्रीय जिम्मेदारी और मानवीय न्याय का विषय है।
सीएम योगी आदित्यनाथ: उत्तर प्रदेश सरकार ने एक ऐतिहासिक और मानवीय फैसला लेते हुए पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) से विस्थापित होकर आए हजारों परिवारों को भूमि स्वामित्व अधिकार देने का रास्ता साफ कर दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मुद्दे पर एक उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि यह केवल ज़मीन देने की बात नहीं, बल्कि उन संघर्षशील परिवारों के सम्मान और पुनर्वास का प्रश्न है, जो दशकों से भारत में आश्रय लिए हुए हैं।
1960 से 1975 के बीच हुआ विस्थापन, अब मिलेगा हक
देश के बंटवारे के बाद, खासकर 1960 से 1975 के बीच, पूर्वी पाकिस्तान से हजारों हिंदू परिवार शरणार्थी बनकर भारत आए थे। इनमें से अधिकांश को उत्तर प्रदेश के पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बिजनौर और रामपुर जिलों में बसाया गया था। उस समय इन परिवारों को खेती योग्य भूमि दी गई, लेकिन कानूनी औपचारिकताएं पूरी न होने के कारण आज तक उन्हें भूस्वामित्व का अधिकार नहीं मिल पाया।
राजस्व अभिलेखों में अब तक नहीं दर्ज हुए नाम
अधिकारियों के अनुसार, इन विस्थापित परिवारों ने वर्षों से इन भूमि पर खेती की, आवास बनाए और स्थानीय जीवन में घुलमिल गए। लेकिन राजस्व रिकॉर्ड में उनके नाम अब तक दर्ज नहीं हो सके। भूमि का स्वामित्व अक्सर वन विभाग या सरकार के नाम रहा, या नामांतरण लंबित रह गया, जिससे कानूनी जटिलताएं बनी रहीं।
गवर्नमेंट ग्रांट एक्ट के निरस्तीकरण के बाद बढ़ी चुनौती
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिन मामलों में गवर्नमेंट ग्रांट एक्ट के तहत भूमि आवंटन हुआ था, उनके लिए वर्तमान विधिक ढांचे में समाधान तलाशा जाए। उन्होंने कहा कि यह अधिनियम अब 2018 में समाप्त किया जा चुका है, इसलिए विधिक नवाचार की आवश्यकता है।
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यह सिर्फ पुनर्वास नहीं, बल्कि राष्ट्रीय जिम्मेदारी है: सीएम योगी आदित्यनाथ
सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस निर्णय को “सामाजिक न्याय, मानवीयता और राष्ट्रीय जिम्मेदारी” करार देते हुए कहा कि प्रशासन को इन विस्थापित परिवारों के साथ सम्मानपूर्वक और संवेदनशील व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि यह मुद्दा सिर्फ भू-स्वामित्व का नहीं, बल्कि गरिमापूर्ण जीवन के अधिकार का है।
कई गांवों में खेती और आवास, फिर भी कानूनी हक से वंचित
सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह भी बताया कि कई गांवों में ये परिवार अब स्थायी रूप से रह रहे हैं, उन्होंने पक्के मकान बना लिए हैं और वर्षों से खेती कर रहे हैं, फिर भी राजस्व अभिलेखों में उनका अस्तित्व नहीं है। दूसरी ओर, कुछ ग्रामों में पुराने रिकॉर्ड में नाम दर्ज हैं लेकिन वास्तव में परिवार वहां मौजूद नहीं हैं।
भूमि कब्जा और प्रशासनिक बाधाएं भी बड़ी समस्या
कुछ परिवारों द्वारा बिना कानूनी प्रक्रिया अपनाए भूमि पर कब्जा कर लेने से समस्या और जटिल हो गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में संतुलित और निष्पक्ष रवैया अपनाया जाए ताकि वास्तविक पात्रों को न्याय मिल सके और अवैध कब्जा हटाया जा सके।
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