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केंद्रीय मंत्री श्री डॉ. मनसुख मांडविया ने अस्मिता वेटलिफ्टिंग लीग का शुभारंभ किया और कहा ‘मीराबाई चानू आदर्श रोल मॉडल’ है

केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने उत्तर प्रदेश के मोदीनगर में अस्मिता लीग के 2025 सीजन का उद्घाटन किया।

केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज उत्तर प्रदेश के मोदीनगर में अस्मिता लीग के 2025 सीजन का उद्घाटन किया। अस्मिता का 2025 सीजन वेटलिफ्टिंग लीग से शुरू हुआ, जिसमें ओपन कैटेगरी में आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम में 42 लड़कियां आठ विभिन्न वेट कैटेगरी में भाग ले रही हैं।

चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में 15 खेल विधाओं में 852 लीग की योजना बनाई गई है। राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में आयोजित होने वाली इन लीगों में 70,000 से अधिक महिला खिलाड़ी भाग लेंगी। पिछले सीजन में 27 खेल विधाओं में 550 लीग आयोजित की गई थीं, जिनमें 53,101 महिला खिलाड़ियों ने भाग लिया था।

डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा, “हमारा मिशन हर स्तर पर अवसर पैदा करना तथा उसके बाद प्रतिभाओं की पहचान करना और उन्हें निखारना है। मैं देख रहा हूं कि मोदीनगर में आए इन बच्चों में बहुत कुछ करने का जुनून है। मुझे यकीन है कि हम एक और मीराबाई चानू को ढूंढ़ने में सफल होंगे।”

अस्मिता वेटलिफ्टिंग लीग के उद्घाटन के अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में टोक्यो ओलंपिक की रजत पदक विजेता मीराबाई चानू भी शामिल थीं। प्रतिभागियों का मनोबल बढ़ाने के लिए माननीय केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल राज्य मंत्री श्रीमती रक्षा निखिल खडसे भी उपस्थित थीं।

श्रीमती खडसे ने कहा, “अस्मिता लीग हमारे मजबूत खेल कार्यक्रम का एक बड़ा स्तंभ है। महिलाओं ने खेलों में उत्कृष्टता हासिल करने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है और उनके लिए असीम संभावनाएं है। बच्चों में मजबूत इरादे पैदा करने की आवश्यकता है।”

डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा, “मीराबाई चानू से बेहतर कोई रोल मॉडल नहीं हो सकता है। मणिपुर के सुदूर गांव से आकर उच्चतम स्तर पर उत्कृष्टता हासिल करने के बाद, उन्होंने सभी महिला वेटलिफ्टर के लिए एक मानक स्थापित किया है। उनकी उपस्थिति वेटलिफ्टिंग में भाग लेने वाली  लड़कियों को प्रेरित करेगी।”

डॉ. मनसुख मांडविया ने खेलों के प्रति सरकार की “संपूर्ण” प्रतिबद्धता को दोहराया और इस बात पर जोर दिया कि यह बात खेल बजट में परिलक्षित होती है, जो पिछले 10 वर्षों में चार गुना बढ़ गया है।

डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा, “हम भारत के हर कोने तक पहुंचना चाहते हैं और महत्वाकांक्षी खिलाड़ियों को बताना चाहते हैं कि अब हमारे पास आपके आगे बढ़ने और कुछ बेहतर करने का मार्ग है। हमारी खेलो भारत नीति (खेल नीति) को इस तरह से डिजाइन किया गया है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के साथ मिलकर हम स्कूली खेलों को बहुत प्रोत्साहन दे रहे हैं। ये हमारे खेलो इंडिया कैलेंडर में दिखाई देगा और अवसरों की कोई कमी नहीं होगी।”

ओलंपियन मीराबाई ने कहा कि 2021 में शुरू हुई अस्मिता लीग खेलों में महिलाओं के लिए बहुत बड़ा वरदान रही है। मीराबाई ने कहा “इसकी स्तरीय संरचना पूरी तरह से स्क्रिप्टेड है। अब हर किसी के पास यह विजन है कि उच्चतम स्तर तक कैसे पहुंचा जाए। हमें ऐसे अवसर नहीं मिले और इसलिए अस्मिता उन महिलाओं के लिए वरदान है जो स्पोर्ट खेलना चाहती हैं और बड़े सपने देखती हैं।

अस्मिता (महिलाओं को प्रेरित करके खेल की उपलब्धियां हासिल करना) लीग और प्रतियोगिता के माध्यम से महिलाओं के बीच खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेलो इंडिया के जेंडर-न्यूट्रल मिशन का हिस्सा है। इस प्रकार, भारतीय खेल प्राधिकरण राष्ट्रीय खेल संघों को क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर कई आयु समूहों में खेलो इंडिया महिला लीग आयोजित करने में सहायता करता है। 2021 में शुरू की गई अस्मिता लीग का उद्देश्य न केवल खेलों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना है, बल्कि पूरे भारत में नई प्रतिभाओं की पहचान के लिए एक मंच के रूप में लीग का उपयोग करना है

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