राज्यपंजाब

पंजाब बेअदबी विरोधी कानून: पंजाब विधानसभा में आज पेश होगा बेअदबी विरोधी कानून, 10 साल तक की सजा का प्रावधान

पंजाब बेअदबी विरोधी कानून: पंजाब विधानसभा में आज पेश होगा धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी पर सख्त कानून। 10 साल की कैद और आजीवन कारावास तक का प्रावधान संभव। जानें पूरी जानकारी।

पंजाब बेअदबी विरोधी कानून: पंजाब सरकार राज्य में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी पर सख्त कार्रवाई के लिए आज पंजाब विधानसभा में एक महत्वपूर्ण विधेयक पेश करने जा रही है। इस कानून के जरिए धार्मिक स्थलों, ग्रंथों, चिह्नों और मूर्तियों की बेअदबी करने वालों को 10 साल तक की सजा देने का प्रावधान किया जा सकता है। अगर बेअदबी के कारण हिंसा होती है या किसी की जान जाती है, तो दोषी को आजीवन कारावास की सजा दी जा सकती है।

सरकार की नीति: जल्दबाजी नहीं, सभी धर्मों से विचार-विमर्श

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्पष्ट किया है कि सरकार बिना किसी जल्दबाज़ी के कानून बनाएगी। धार्मिक संगठनों, विशेषज्ञों और नागरिक समाज से राय लेकर ही अंतिम रूप दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा, “सरकार का मकसद ऐसा कानून बनाना है जो बेअदबी की घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाए और दोषियों को न्याय के कटघरे तक लाए।”

बेअदबी और गोलीकांड: 2015 की घटना की फिर चर्चा

यह कानून 2015 के बहिबल कलां गोलीकांड और बरगाड़ी बेअदबी कांड की पृष्ठभूमि में लाया जा रहा है, जिसने पूरे पंजाब को झकझोर दिया था। सुखराज सिंह और साधु सिंह जैसे पीड़ित आज भी इंसाफ की राह देख रहे हैं। सुखराज ने कहा, “कानून बनाना अच्छा कदम है, लेकिन दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। आज तक जिन लोगों ने बेअदबी की, उन्हें संरक्षण मिला है।”

Also Read: https://newz24india.com/punjab-government-action-against-begging/

राजनीतिक प्रतिक्रिया और आलोचना

विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि सरकार की मंशा पर संदेह है क्योंकि अब तक विधेयक का ड्राफ्ट तक साझा नहीं किया गया है। उन्होंने पूछा कि जब तक प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर बादल जैसे नेताओं के नाम FIR में शामिल नहीं होते, तब तक इंसाफ कैसे मिलेगा?

विशेषज्ञों की राय: कानून के दुरुपयोग की आशंका

एडवोकेट आरएस बैंस ने आगाह किया कि ऐसे सख्त कानून का दुरुपयोग भी संभव है, खासकर जब मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति बेअदबी के आरोपी बन जाएं। उन्होंने कहा कि धार्मिक संवेदनशीलता को राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल न किया जाए।

बलविंदर सिंह, एसजीपीसी के पूर्व सचिव, ने कहा कि कानून तो पहले भी थे, लेकिन उनके सही क्रियान्वयन की कमी रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि सामाजिक जागरूकता, स्कूलों में धार्मिक शिक्षा और पुलिस-न्यायिक सुधार भी जरूरी हैं।

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की मांग

SGPC अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि बेअदबी करने वालों को मौत की सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि कई बार पुलिस ने बेअदबी के आरोपियों को मानसिक रूप से अस्थिर बताकर छोड़ दिया, जिससे न्याय नहीं मिल पाया।

For More English News: http://newz24india.in

Related Articles

Back to top button