
Harbhajan Singh ETO: धान के सीजन के दौरान पंजाब सरकार की 1000 मेगावाट बिजली की मांग पूरी करने की मांग
पंजाब के बिजली मंत्री स. Harbhajan Singh ETO के अथक प्रयासों का नतीजा यह हुआ है कि केंद्रीय बिजली मंत्री ने राज्य में 800 मेगावाट की तीन अतिरिक्त बिजली उत्पादन इकाइयां स्थापित करने को मंजूरी दे दी है। आज भारत सरकार के बिजली विभाग द्वारा आयोजित उत्तर भारतीय बिजली मंत्रियों के सम्मेलन के दौरान पंजाब राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए स. हरभजन सिंह ईटीओ ने यह मामला उठाया।
सम्मेलन की अध्यक्षता केंद्रीय विद्युत मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने की, जिसमें पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख और दिल्ली के विद्युत मंत्रियों और अधिकारियों ने भाग लिया।
Harbhajan Singh ETO ने रोपड़ थर्मल प्लांट की मौजूदा बिजली उत्पादन क्षमता में वृद्धि की मांग करते हुए कहा कि पंजाब के पास अपनी कोयला खदानें हैं, लेकिन केंद्र सरकार की 1000 किलोमीटर से अधिक कोयला परिवहन न करने की शर्त के कारण इन थर्मल प्लांटों की क्षमता बढ़ाने में मुश्किलें आ रही हैं। मांग को स्वीकार करते हुए केंद्रीय बिजली मंत्री Harbhajan Singh ETO ने अधिकारियों को कोयला परिवहन सीमा को 1500 किलोमीटर से अधिक करने के निर्देश दिए और रोपड़ में 800 मेगावाट के दो अतिरिक्त बिजली उत्पादन प्लांट स्थापित करने को मंजूरी दी। इसके अलावा पंजाब में 800 मेगावाट का नया यूनिट स्थापित करने को भी मंजूरी दी गई। केंद्रीय बिजली मंत्री की इस मंजूरी से पंजाब में 2400 मेगावाट के थर्मल प्लांट स्थापित करने का रास्ता साफ हो गया है।
केंद्र सरकार द्वारा राज्य में 7000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य के बारे में कैबिनेट मंत्री Harbhajan Singh ETO ने कहा कि पंजाब में भूमि की लागत अधिक होने के कारण इस दिशा में लक्ष्य प्राप्त करना चुनौतीपूर्ण है। हालांकि, पंजाब सरकार पड़ोसी राज्यों में ये सौर परियोजनाएं स्थापित करने का प्रयास कर रही है, जहां से पंजाब को बिजली आपूर्ति सुविधाजनक होगी।
बिजली संबंधी मामलों पर पंजाब के पक्ष की जोरदार वकालत करते हुए बिजली मंत्री स. Harbhajan Singh ETO ने धान के सीजन के मद्देनजर पंजाब सरकार द्वारा केंद्र सरकार से मांगी गई 1000 मेगावाट बिजली को तुरंत पूरा करने की मांग की। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश के खाद्यान्न भंडार को सुरक्षित रखने में पंजाब ने हमेशा महत्वपूर्ण योगदान दिया है, इसलिए धान के सीजन को ध्यान में रखते हुए पंजाब की मांग को जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए ताकि किसानों को समय पर बिजली मिल सके और वे अपनी धान की फसल की सिंचाई कर सकें। इस समय पंजाब राज्य को केंद्रीय पूल से 275 मेगावाट बिजली मिल रही है।
Harbhajan Singh ETO ने बताया कि बी.बी.एम.बी. जालंधर में दो मौजूदा 100 एम.वी.ए. ट्रांसफार्मरों की क्षमता को बढ़ाकर 160 एम.वी.ए. करने के लिए सभी आवश्यक स्वीकृतियां प्राप्त कर ली गई हैं तथा इस कार्य का व्यय पंजाब सरकार द्वारा वहन किया जाना है। परन्तु यह मामला अभी भी आगे नहीं बढ़ रहा है, जिससे कठिनाइयां आ रही हैं। इसलिए लंबित कार्यवाही में तेजी लाई जाए, ताकि बी.बी.एम.बी. जालंधर इकाई का संचालन सही ढंग से हो सके।
बिजली मंत्री Harbhajan Singh ETO ने केंद्र सरकार की आर.डी.एस.एस. योजना का मुद्दा भी उठाया और कहा कि इस योजना के तहत केंद्र सरकार को पंजाब के बिजली आपूर्ति ढांचे को मजबूत करने के लिए 3600 करोड़ रुपए की परियोजना में 60 प्रतिशत हिस्सा 60-40 के अनुपात में देना था। लेकिन परियोजना लागत में वृद्धि और निश्चित केंद्रीय अनुदान के कारण अनुदान प्रतिशत 60 प्रतिशत से घटकर 40 प्रतिशत रह गया है, जिससे पंजाब को लगभग 300 करोड़ रुपए का घाटा हो रहा है। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार इस स्थिति को देखते हुए इस परियोजना को नई दरों पर मंजूरी दे।
कैबिनेट मंत्री Harbhajan Singh ETO ने दोहराया कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार राज्य के लोगों को बेहतरीन बिजली आपूर्ति प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।