धर्म

13 अप्रैल को खरमास खत्म होगा, फिर शहनाइयां होंगी; अप्रैल से दिसंबर तक शुभ मुहूर्त जानें

खरमास 2024

खरमास खत्म होने पर लोग विवाह करते हैं, घर में आते हैं और शुभ काम शुरू करते हैं। 13 अप्रैल के बाद शादी की शहनाई फिर से गूंजेगी। खरमास के बाद अप्रैल से दिसंबर तक शुभ मुहूर्तों की जानकारी

13 अप्रैल को सूर्य की राशि बदलने के बाद 18 अप्रैल से फिर विवाह का दौर शुरू होगा। 14 अप्रैल, खरमास खत्म होने के बाद विवाह, देव प्रतिष्ठा, नए घर का निर्माण और घर प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य शुरू होंगे। 14 मार्च से शुरू हुए खरमास 13 अप्रैल को समाप्त होगा, जिससे मांगलिक कार्य शुरू होंगे।

सूर्य के मीन राशि में आने के बाद मीन मास चल रहा था. खरमास होने के कारण पिछले एक महीने से सभी मांगलिक उत्सवों पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन अब शहनाई फिर से बजेगी। ज्योतिषशास्त्र कहते हैं कि जब सूर्य मीन राशि में रहता है, इन दिनों में कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। इस समय केवल जप, तप और स्नान-दान करना चाहिए।

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गृह प्रवेश, विवाह और शुभ काम

मीन मास के अंत से 16 संस्कार और अन्य शुभ कार्य किए जा सकते हैं। शुभ मुहूर्त और शुभ दिनों में अन्नप्राशन, नामकरण, चूड़ाकर्म, विद्यारंभ और अन्य शुभ कार्य किए जा सकते हैं। सूर्य मेष राशि में आते ही शादी के मुहूर्त भी होंगे।

अप्रैल 2024 में शादी-विवाह के शुभ मुहूर्त (April 2024 Marriage dates)

अप्रैल में शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के लिए केवल 10 दिन ही मिलेंगे. इसमें 18, 19, 20, 21, 22, 23, 24, 25, 26 और 28 अप्रैल की तारीख विवाह के लिए बेहद ही शुभ हैं.

मई और जून 2024 में अस्त रहेंगे गुरु-शुक्र (Shukra and Guru asta 2024)

विवाह मुहूर्त में गुरु और शुक्र भी अस्त होते हैं। अच्छा शुक्र भोग विलासिता का संकेत है और वैवाहिक सुख का संकेत है। वहीं, शिक्षक कन्या के लिए पति का सुख है शास्त्रानुसार, शुभ विवाह के लिए शुक्र और गुरु ग्रहों का उदय होना चाहिए। दोनों ग्रह शादी को प्रभावित करते हैं। इनके अस्त रहने पर शादी नहीं होती।

23 अप्रैल 2024 को दोपहर में शुक्र ग्रह अस्त हो जाएगा और 29 जून तक अस्त रहेगा। 6 मई से गुरु ग्रह भी अस्त हो जाएगा, जो 2 जून को फिर से उगेगा. शुक्र भी अस्त रहेगा, इसलिए मई और जून में विवाह की शहनाई नहीं होगी। शादी के सबसे कम मुहूर्त अप्रैल और अक्टूबर में सिर्फ पांच से पांच दिन होंगे।

इससे पहले 2000 में हुआ था ऐसा

2000 में भी शुक्र-गुरु ग्रह के अस्त रहने पर विवाह मुहूर्त नहीं थे। 1996 में भी मई से जुलाई के बीच सिर्फ पांच दिन मुहूर्त निकले थे।

10 मई अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त

पंचांग बताता है कि साल में कुछ ऐसी तिथियां और दिन हैं जब आप बिना सोचे-समझे कुछ शुभ काम कर सकते हैं। यह मुहूर्त हमेशा अच्छे परिणाम देते हैं। 10 मई, मीन मास खत्म होते ही पहला अबूझ मुहूर्त अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya, 2024) होगा। इस दिन घर में प्रवेश करना, संपत्ति और वाहन खरीदना, विवाह करना, वाग्दान यानी सगाई करना, रोका, मुंडन करना, यज्ञोपवित करना और कई अन्य शुभ संस्कार करना संभव है। इनके साथ बिजनेस, नौकरी या किसी अच्छे काम की भी शुरुआत की जा सकती है।

विवाह के लिए अबूझ मुहूर्त

अबूझ मुहूर्त को विवाह और सगाई जैसे मांगलिक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है। विवाह की तारीख नहीं निकल पा रही है या किसी कारण से शुभ मुहूर्त वाले दिन विवाह नहीं करना संभव है, तो विवाह को अबूझ मुहूर्त में भी कराया जा सकता है। धर्मग्रंथों में अक्षय तृतीया, बसंत पंचमी और देव प्रबोधिनी एकादशी को अबूझ मुहूर्त कहते हैं।

साल 2024 शादियों के शुभ मुहूर्त (Vivah Muhurat april to december 2024)

  • अप्रैल: 18 से 22,23, 24, 25, 26 और 28 अप्रेल ( 10 दिन)
  • जुलाई: 3,9 से 15 (8 दिन)
  • अक्टूबर: 3,7,17,21,23,30 (6 दिन)
  • नवंबर: 16 से 18, 22 से 26,28 ( 9 दिन)
  • दिसंबर: 2 से 5, 9 से 11, 13 से 15 (10 दिन)

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