Guru Purnima 2025: पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व- जानें कैसे मनाएं यह पावन त्योहार

गुरु पूर्णिमा का महत्व| Guru Purnima 2025
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुरु पूर्णिमा के दिन महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था। वेद व्यास ने मानव जाति को चारों वेदों का ज्ञान दिया और उन्हें प्रथम गुरु की उपाधि मिली। इसलिए इस दिन उन्हें विशेष श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। साथ ही, इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना भी बहुत महत्वपूर्ण होती है।
Guru Purnima 2025 के शुभ मुहूर्त
-
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 10 जुलाई 2025, 01:36 AM
-
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 11 जुलाई 2025, 02:06 AM
शुभ मुहूर्त:
-
ब्रह्म मुहूर्त: 04:10 AM से 04:50 AM
-
प्रातः संध्या: 04:30 AM से 05:31 AM
-
अभिजित मुहूर्त: 11:59 AM से 12:54 PM
-
विजय मुहूर्त: 02:45 PM से 03:40 PM
-
गोधूली मुहूर्त: 07:21 PM से 07:41 PM
-
सायाह्न संध्या: 07:22 PM से 08:23 PM
विशेष काल:
-
अमृत काल: 12:55 AM से 02:35 AM (11 जुलाई)
-
निशिता मुहूर्त: 12:06 AM से 12:47 AM (11 जुलाई)
Guru Purnima 2025 पूजा विधि
-
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। यदि संभव हो तो पवित्र नदियों में स्नान करें, अन्यथा नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें।
-
स्नान के बाद मंदिर में दीप प्रज्वलित करें और यदि संभव हो तो व्रत रखें।
-
देवी-देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।
-
भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा-आरती करें। तुलसी के पत्ते जरूर चढ़ाएं क्योंकि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग स्वीकार नहीं करते।
-
महर्षि वेद व्यास जी की पूजा-अर्चना करें।
-
गुरु की कृपा के लिए अपने गुरु का स्मरण करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
-
चंद्रमा की पूजा चंद्र उदय के बाद करें, चंद्रमा को अर्घ्य देने से दोष दूर होते हैं।
-
जरूरतमंदों की मदद करें और यदि संभव हो तो गाय को भोजन कराएं, इससे भी अनेक दोषों से मुक्ति मिलती है।
गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2025) न केवल गुरु को सम्मान देने का दिन है, बल्कि यह आध्यात्मिक उन्नति, शांति और समृद्धि की कामना करने का पावन अवसर भी है। इस दिन गुरु की कृपा से जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता की प्राप्ति होती है। आप भी इस गुरु पूर्णिमा पर पूजा विधि का पालन कर अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करें।
ALSO READ:-Kark Sankranti 2025: सावन महीने में कर्क संक्रांति कब है?…