औरतों का काम है थके सैनिकों के लिए तकिया बनना ना कि युद्ध लड़ना?

जब 2017 में चीनी सेना ने अपने फाउंडेशन डे पर एक वीडियो डाला तो इस वीडियो में तने हुए फौजी कंधे नहीं थे बल्कि सैनिकों की पोशाक में सजी हुई चीनी लड़कियां नाच रही थी और अलग-अलग बैकग्राउंड में नाचती गाती इन सैनिकों के चेहरे पर मुश्किल ट्रेनिंग से आये निशान नहीं बल्कि लाली पाउडर थुपा हुआ था, सब की सब बिल्कुल मक्खन जैसी मुलायम त्वचा वाली और नींबू जैसी चटक आंखों वाली थी जैसे किसी शैम्पू के विज्ञापन से निकलकर सीधे यहां आ गई हो।
ताजा रिपोर्ट के मुताबिक चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी दुनिया की सबसे बड़ी सेना है और औरतें भी इसका हिस्सा है लेकिन इसमें एक फर्क है। महिला के सीने पर बहादुरी के तमगों की जगह झालर दार ड्रेस सजी होती हैं और उनके पैर कदमताल की बजाए डांस स्टेप करते दिखाई देते हैं, उनकी आंखों को आदेश देने की बजाय दाएं बाएं डोलने, इतराने की ट्रेनिंग मिलती है क्योंकि यह देश मानता है कि औरतों का काम युद्ध होना नहीं है उनका काम है युद्ध से थके हुए सैनिकों के लिए मुलायम तकिया बन जाना जिस पर सिर रखकर सैनिक सुस्ता सकें।
औरतों को लेकर यह रौशन-ख्याली सिर्फ चीन तक सीमित नहीं है बल्कि पोल्यूशन की तरह इस सोच का जहर दुनिया के कोने कोने में फैल रहा है।
फिलहाल रूस और यूक्रेन के बीच घमासान मची हुई है और ताकतवर रूस यूक्रेन में जगह-जगह तबाही मचा रहा है इसी बीच सैनिकों के साथ मुल्क को बचाने के लिए यूक्रेनी नागरिक भी मैदान में उतर आए हैं और सोशल मीडिया पर आम लोगों के बम बारूद बनाने की खबर देख रहे है लेकिन देश के बाकी नागरिक एक तरफ है और औरतें दूसरी।
जो तस्वीर सामने आ रहे हैं जहां औरतें अपने नाजुक नाजुक हाथों को अपनी मासूम ठुड्डी पर टिका कर एक रूमानी कविता सुनने की बजाय बंदूके थामे हुए हा। तस्वीरों के अनुसार यह सब यूक्रेन की सबसे खूबसूरत महिलाओं में से एक हैं जो रुसीयों को पछाड़ेंगी।
तस्वीरों के साथ खबर यह चिपकी हुई थी कि देश प्रेमी यूक्रेन की महिलाएं और रुसी सैनिकों को अपने रूप के जाल में फंसाकर उनसे बदला ले रही हैं।
जितने मुंह उससे ज्यादा बातें और हर बात का चेहरा अलग होते हुए भी अंदाज वही है कि औरतें बहादुरी से नहीं बस अपने हुस्न से ही दुश्मनों को हरा सकती हैं।
एक स्टडी के मुताबिक किताबों की हीरोइन काम से जी चुराती हैं और कीड़े देखकर सहम जाती हैं वह नखरे करती हैं बेवफाई भी करती है और कई बार बांझ भी हो जाती हैं वहीं दूसरी ओर हीरो बहादुर है दुनिया घूमता है खोज करता है और दांवपेच से कोसों दूर रहता है इसके साथ ही वह भूखे को सहकर भी प्यार करता है साथ ही उसके लिए दुनिया से लड़ जाता है।
मेरे चर्चा चीन से शुरू हुई तो वही खत्म करते हैं 1200 ईसा पूर्व चीन में फू हाव नाम की एक महिला लड़ाका हुई थी, शेंग साम्राज्य किस रानी ने 13000 लड़ाकों की एक ऐसी सेना तैयार की जिसे उस दुनिया की सबसे खूंखार टुकड़ी माना जाता था, शताब्दियों बाद सन् 1976 में जब से रानी के ताबूत से उनकी हड्डियां निकालकर परखी गई तो उसमें वही मजबूती थी जो किसी बेहद मजबूत सेनापति में होती है और वही वही जख्मों के निशान थे जो किसी शिकार में नहीं बल्कि एक शिकारी में दिखाई देते हैं।

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औरतों की बहादुरी की वह कहानियां शायद अब सुनने को नहीं मिलती जो बाकी है उनमें औरतें लड़ाकू के माथे पर तिलक करती हैं या फिर उन थके हुए सैनिकों की वापसी का इंतजार।
2 दिन बाद महिला दिवस आएगा कामकाजी औरतों को उनके बॉस चॉकलेट या गुलाब थमाएंगे और घर संभालती औरतें अखबार के किसी पन्ने को गुलाबी रंग से नहाया देखेंगी अगर पकाने घर आने से वक्त मिल पाये।
गुम रहेंगी तो वह कहानियां आजा औरतें बहादुरी के गीत गाती ही नहीं थी बल्कि उन गीतों का मुख्य किरदार हुआ करती थी।

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