The Mahabharata :मामा शकुनि के पासे का रहस्य और उनके निधन के बाद जादुई पासे कहां गायब हो गए?

The Mahabharata : शकुनि के पासे कहते हैं कि वे उसके इशारों को समझते थे

The Mahabharata: महाभारत का सबसे बड़ा रहस्य मामा शकुनि के पासे का है। पौराणिक कहानियों में कहा गया है कि मामा शकुनी चौसर के खेल में बहुत माहिर थे। महाभारत युद्ध को प्रेरित करने में मामा शकुनी का महत्वपूर्ण योगदान था। उनके जादुई पासे का क्या हुआ? पढ़िए पूरी कहानी..।

The Mahabharata : मामा शकुनि चौसर ने खेल में बेजोड़ प्रदर्शन किया था। वे कहते हैं कि उनके पास पासे हैं। मृत्यु के बाद उनके पास क्या हुआ? महाभारत में इस रहस्य का स्पष्ट उल्लेख नहीं है। आइए जानते हैं, मामा शकुनि के जादुई पासे कहां हैं?

पांडवों को नुकसान पहुंचाने के लिए शकुनि की बात मानते हुए पासे ने दुर्योधन के साथ मिलकर कूटनीतिक चालें चलाईं। पांडवों को जुए में हराया और फिर द्रौपदी का चीर हरण किया था, सब कुछ अपने इन पासों से हुआ। शकुनि के पासे कहते हैं कि वे उसके इशारों को समझते थे और उसे मानते थे।

माना जाता है कि मामा शकुनी के पासे उनके पिता की हड्डियों से बनाए गए थे। ऐसा करने का आदेश सिर्फ उनके पिता ने दिया था। शकुनि के पिता ने मरने से पहले उनसे कहा, “तुम मेरी हड्डियों से पासा बना लेना।”

इसलिए शकुनि के पासे हमेशा उसकी बात मानते थे। इसका कारण यह था कि शकुनि के पासे उसके मृत पिता की रीढ़ की हड्डी से बनाए गए थे, जिससे उसके पिता की आत्मा उनमें बसी थी। इसलिए पासे भी शकुनि का हर संकेत समझते थे।

शकुनी की मौत के बाद भी अर्जुन की एक महाभूल से उनके पासे नष्ट नहीं हुए और अर्जुन की गलती से नदी में बहा दिए गए। दरअसल, शकुनी की मौत के बाद भगवान कृष्ण ने भीम और अर्जुन से कहा कि वे उनके पासे को नष्ट कर दें। लेकिन अर्जुन ने कृष्ण की बात को सही से नहीं सुना और समझा, इसलिए उन्होंने उन्हें एक नदी में फेंक दिया। अर्जुन ने बहुत बड़ी भूल की थी।

जब भगवान कृष्ण ने यह पता चला, तो उन्होंने अर्जुन से कहा कि तुमने बहुत गलत किया। अगर वे पासे बहते हुए किसी के हाथ लग जाएँ तो जुए का अंत नहीं होगा और इंसानों को बर्बाद करेगा। माना जाता है कि वे पासे आम लोगों के हाथ लग गए थे, और इसी कारण आज जुआ समाज में कई रूपों में मौजूद है।

विवरण: यहां दी गई जानकारी केवल जानकारी के लिए है और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है।

 

Exit mobile version