एक तरफ जहां देश में चुनाव सुधारों की बात चल रही है और राजनीति में साफ स्वच्छ छवि वाले नेताओं को लाने पर जोर दिया जा रहा है, वहीं हमारे राजनीतिक दल आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों को टिकट देने में बिल्कुल नहीं झिझक रहे हैं. चुनावों पर नजर रखने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर की हाल ही में आई रिपोर्ट पर गौर करें आंकड़ें हैरान करने वाले सामने आते हैं. दरअसल, संस्था ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण का नामांकन कर चुके उम्मीदवारों के हलफनामों का निरीक्षण किया है. पहले चरण के दाखिल हुए 615 पर्चों पर स्टडी कर एडीआर ने अपनी रिपोर्ट जारी की है.
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615 उम्मीदवारों में से 156 उम्मीदवारों के खिलाफ मुकदमे दर्ज
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार प्रथम चरण के लिए चुनाव लड़ रहे कुल 615 उम्मीदवारों में से 156 उम्मीदवारों के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं. इस साफ मतलब यह है कि पहले चरण में कुल 25 प्रतिशत उम्मीदवार दागी छवि वाले हैं. रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कुल उम्मीदवारों में से 121 प्रत्याशी तो ऐसे हैं जिनके खिलाफ विभिन्न थानों में गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. मसलन, राजनीतिक दलों ने कुल 20% गंभीर आपराधिक रिकॉर्ड रखने वाले नेताओं को अपना उम्मीदवार बनाया है. अब आपके दिमाग में यह बात आ रही होगी कि उत्तर प्रदेश चुनाव में कौन सी पार्टी ने कितने दागी उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है.
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29 उम्मीदवारों में से 17 यानी 59 प्रतिशत दागी
दरअसल, समाजवादी पार्टी के टिकट पर पर्चा दाखिल करने वाले कुल 28 प्रत्याशियों में 21 यानी 75 प्रतिशत ऐसे उम्मीदवार हैं, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. यह जानकारी उम्मीदवारों ने अपने हलफनामे में दी है. इसके साथ ही राष्ट्रीय लोक दल की ओर से चुनाव लड़ रहे 29 उम्मीदवारों में से 17 यानी 59 प्रतिशत दागी हैं. वहीं, भारतीय जनता पार्टी के 57 उम्मीदवारों में से 29 यानी 51 प्रतिशत उम्मीदवार दागी छवि वाले हैं.