राज्यउत्तर प्रदेश

UP News: अब उत्तर प्रदेश में ‘वन ब्लॉक, वन क्रॉप’ के तहत योगी सरकार फसल ब्रांडिंग के जरिए किसानों की आय बढ़ाएगी

UP News: इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश के हर ब्लॉक में एक कृषि या औद्यानिक फसल का नामांकन किया जा रहा है। इसके बाद उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार होगा। हार्वेस्टिंग के बाद उस फसल की मार्केटिंग और ब्रांडिंग कराकर किसानों

UP News: योगी आदित्यनाथ सरकार ने “एक जिला, एक उत्पाद” (ओडीओपी) की प्रेरणा से राज्य के कृषि और कृषि क्षेत्रों में “वन ब्लॉक, वन क्रॉप” कार्यक्रम शुरू किया है। मुख्य उद्देश्य न सिर्फ राज्य में उत्पादित विभिन्न फसलों की अलग-अलग किस्मों का ब्रांडिंग करना है, बल्कि सूबे के किसानों की आय को बढ़ाना है। इसके तहत राज्य के हर ब्लॉक की एक कृषि या औद्यानिक फसल बताई जाती है। इसके बाद उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार होगा। उस फसल को हार्वेस्टिंग के बाद मार्केटिंग और ब्रांडिंग कराकर किसानों को लाभ मिलेगा। सरकार की इस बहुद्देशीय योजना पर कृषि उत्पादन आयुक्त की देखरेख में कृषि और उद्यान विभाग की ओर से संयुक्त रूप से कवायद शुरू कर दी गई है।

फसलें की जा रही चिन्हित

प्रदेश को नौ कृषि जलवायु क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, लेकिन कृषि उत्पादों की वेराइटी ब्लॉक स्तर पर ही बदलती है। स्थानीय स्तर पर कुछ विशिष्ट फसलें उगाने की अधिक लोकप्रियता या लाभ की संभावना रहती है। स्थानीय बाजारों में बेचने के कारण उन्हें आवश्यक मुनाफा नहीं मिलता। कृषि और उद्यान विभाग ने ऐसी फसलों को चिह्नित कर, उनकी उत्पादकता बढ़ाकर और उनकी गुणवत्ता में सुधार करना शुरू किया है। कृषि एवं उद्यान विभाग के जिलों में तैनात अधिकारियों को ऐसी फसलें चिह्नित करने को कहा गया है। फसलें चिह्नित करने के बाद प्रदेश स्तर पर इनकी समीक्षा की जाएगी। उसके बाद आगे की योजना पर काम शुरू किया जायेगा।

एफपीओ की होगी महत्वपूर्ण भूमिका

इस योजना में तीन स्तरों पर काम करने की योजना बनाई गई है। पहला यह कि किसान चिन्हित फसल की खेती कर सके। उसकी उत्पादकता बढ़ी और गुणवत्ता बढ़ी। योजना लागू होने से खेत ब्रांडेड होगा। कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) इसमें सहयोग करेंगे। संसाधनों की कमी के कारण अकेले किसान अपनी फसल को अच्छे मार्केट तक नहीं पहुंचा पाते हैं। ऐसे में वह स्थानीय स्तर पर अच्छे दाम पर बेचता है। एफपीओ के साथ फसलों की प्रॉसेसिंग पर भी काम होगा। यदि किसी फसल को प्रॉसेस करके अच्छे दाम मिल सकते हैं तो वह भी किया जायेगा।

अधिकारी ने क्या कहा?

उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के निदेशक डॉ. विजय बहादुर द्विवेदी ने कहा कि किसान स्थानीय स्तर पर फसलें पैदा कर रहे हैं लेकिन स्थानीय बाजारों में उनके वाजिब दाम नहीं मिलते, इसलिए नई योजना किसानों को उनके उत्पाद का लाभकारी मूल्य दिलाने में महत्वपूर्ण सहयोग करेगी। इस योजना को शासन स्तर पर अंतिम रूप दिया जा रहा है। भविष्य में बेहतर परिणाम देखने को मिलेंगे।

Related Articles

Back to top button