UP News: प्रदेश के प्रत्येक जिले में सक्रिय नकल माफियाओं का अपराधिक रिकॉर्ड बनाया जा रहा है। दर्ज मुकदमों में गिरोह की वर्तमान स्थिति और सदस्यों की सूचना मांगी गई है।
UP News: यूपी सरकार और पुलिस ने नकल माफियाओं पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। शासन ने प्रत्येक जिले से पिछले कुछ वर्षों में नामित नकल माफियाओं और उनके गिरोहों का विवरण मांगा है। किन-किन जिलों में गिरोह के किन-किन सदस्यों पर मुकदमे दर्ज हुए और वर्तमान में इन मुकदमों में क्या स्टेट्स है? आरोपियों के खिलाफ जो मुकदमे हुए हैं, उनमें सजा समेत अन्य विवरण मांगे गए हैं। नकल माफिया की संपत्ति को लेकर गोपनीय जानकारी जुटाई जा रही है। आने वाली परीक्षाओं को देखते हुए सरकार और कई निकाय सक्रिय हो गए हैं, और पेपर लीक करने वाले गिरोह को पकड़ लिया गया है। मेरठ क्षेत्र के एडीजी ने पत्राचार के बाद सभी जिलों को पत्राचार कर रिपोर्ट मांगी है।
2024 में यूपी पुलिस आरक्षी भर्ती प्रक्रिया में पेपर लीक होने के बाद ये निरस्त कर दिए गए। इसके बाद दोबारा परीक्षा की तिथि निर्धारित की गई है। यूपी सरकार और डीजीपी पूरे राज्य में पेपर लीक करने वाले नकल माफियाओं और उनके गिरोहों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए जोनवार नकल माफिया डाटा जुटा रहे हैं। इनमें पूर्व में प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल करने वाले गिरोह और उनके नेता की लिस्ट मिल रही है। इनके पिछले केसों को संशोधित किया जा रहा है। हाल ही में दर्ज किए गए केस की रिपोर्ट भी मांगी गई है, जिसमें थाना, अपराध संख्या और जांच की स्थिति शामिल हैं। आरोपियों का देश (जेल में या जमानत पर बाहर) मांगा गया है अगर वर्तमान में केस चल रहा है। वहीं, उनकी संपत्ति के बारे में पुलिस जानकारी जुटा रही है, जो रिपोर्ट में शामिल होगी। मेरठ क्षेत्र के एडीजी ध्रुवकांत ठाकुर ने सभी जिलों में एसएसपी/एसपी को पत्राचार भेजा है, जिसमें नकल माफिया की रिपोर्ट दर्ज की जा रही है।
50 से अधिक आरोपी मेरठ-बागपत-गाजियाबाद जेलों में
मेरठ जिला कारागार में 24 आरोपी (रवि अत्री, डॉक्टर शुभम मंडल, राजीव नयन मिश्रा, अभिषेक, विक्रम पहल) यूपी पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने के लिए बंद हैं। वहीं, कई आरोपियों को नोएडा, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर और लखनऊ में भी गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले, आठ फरवरी 2024 को एसटीएफ ने 12 आरोपियों को यूपी पुलिस कंप्यूटर ऑपरेटर भर्ती परीक्षा में नकल करते हुए गिरफ्तार किया था। मेरठ विश्वविद्यालय की एक नेट परीक्षा में हाल ही में सात आरोपी गिरफ्तार किए गए, जबकि अन्य दर्जनभर फरार हैं। पिछले कुछ महीने में गाजियाबाद में दो, गौतमबुद्धनगर में चार और मुजफ्फरनगर में दो आरोपियों को भर्ती परीक्षाओं में सेंधमारी में जेल भेजा गया था।
बिहार कनेक्शन पर भी फोकस
यूपी एसटीएफ ने हाल ही में एक गिरोह को पकड़ लिया है, जिसमें बिहार का संबंध पाया गया है। डॉक्टर शुभम मंडल, सचिन और अन्य आरोपियों के नाम बिहार में घोषित किए गए। उस समय पता चला कि इन गिरोह का आठ राज्यों (बिहार, झारखंड, कोलकाता, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, मध्यप्रदेश) में नेटवर्क है। ऐसे में एसटीएफ को इन नेटवर्क को तोड़ने के लिए लगाया गया है।
कहना इनका..।
मेरठ जोन के एडीजी ध्रुवकांत ठाकुर ने कहा कि नकल माफियाओं और उनके गिरोह के बारे में जानकारी जिलेवार रूप से जुटाई जा रही है। मुकदमे, वर्तमान राज्यों, गिरोह के सदस्यों और अन्य जानकारी जुटाई जाती है। इस जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई और निगरानी की जाएगी।