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UP News: यूपी सरकार विधायकों का वेतन बढ़ाने पर विचार कर रही है, सदन में 3 मांगें उठी 

UP News: यूपी सरकार विधायकों का वेतन बढ़ाना चाहती है। गुरुवार को यूपी विधानसभा के मानसून सत्र में सदस्यों ने तीन मांगें उठाईं।

UP News: मानसून सत्र में सदन में सदस्यों ने तीन मांगें प्रस्तुत कीं। सदस्यों ने विधायकों को कम वेतन देने की मांग की। कहा कि यूपी के विधायकों का वेतन दूसरे राज्यों से अधिक है। इसे बढ़ाना चाहिए। इसके साथ ही, विधायक निधि के तहत विकास कार्यों के लिए पांच करोड़ रुपये पर लगने वाले जीएसटी का 18 प्रतिशत का मुद्दा उठाया गया। कहा कि सरकार जीएसटी की भरपाई करे या निधि एक करोड़ रुपये बढ़ाए। जिससे विधायक क्षेत्र में विकास कार्यों को तेजी से पूरा किया जा सकेगा। इन दोनों के साथ, तीसरी मांग थी कि जल जीवन मिशन का काम पूरा होने तक सभी विधायकों को 200 से 200 हैंडपंप क्षेत्र आवंटित किए जाएं। ये मांगें सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों से आईं।

विधायक इन मांगों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना से उत्तर चाहते थे। सत्तापक्ष और विपक्ष के कई सदस्यों द्वारा इन तीनों मांगों को उठाने के बाद, संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि वेतन को मूल्य सूचकांक से जोड़ने के बारे में विचार-विमर्श चल रहा है। वेतनवृद्धि का मुद्दा अभी विचाराधीन है। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय, मंत्री ओम प्रकाश राजभर, विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भैय्या, विधायक अराधना मिश्रा “मोना”, मंत्री डा. संजय निषाद आदि ने अपने विचार रखे।

पत्रकारों का मुद्दा विधान परिषद में उठाया गया

विधान परिषद में सपा सदस्य आशुतोष कुमार सिन्हा ने प्रदेश के पत्रकारों की सुरक्षा और पेंशन का मुद्दा उठाया। श्री सिन्हा ने कहा कि यूपी में पत्रकारों को अन्य राज्यों की भांति पेंशन और सुरक्षा दी जाएगी, नियम 115 के तहत। कहा कि पत्रकारों को सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार और समाज के अराजक लोगों के खिलाफ समाचार लिखने के लिए लगातार धमकियां मिलती हैं और उनके साथ मारपीट और कई अन्य दुर्घटनाएं होती हैं। जिसमें कई पत्रकार भी मर गए हैं। उनकी आर्थिक स्थित अत्यंत दयनीय है। इसलिए उनका और उनके परिवार का जीवन बहुत असुविधापूर्ण होता है। पत्रकारों को बचाने के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून बनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

उनकी मांग थी कि नए पत्रकारों को 10,000 हजार रुपये और 20 वर्ष से अधिक समय से पत्रकारिता कर रहे वरिष्ठ पत्रकारों को 25,000 हजार रुपये प्रति महीने का गुजारा भत्ता दिया जाए। उन्हें एक करोड़ रुपये का जीवन बीमा और सरकारी योजनाओं से भी लाभ मिलेगा। विकास प्राधिकरण और आवास विकास प्राधिकरण के माध्यम से नौ प्रॉफिट नौ लास के आधार पर घर या प्लॉट प्रदान किए जाएंगे। आशुतोष ने सदन में वाराणसी का जिक्र करते हुए वहां के पत्रकारों को सर्किट हाउस जाने से रोकने का तुगलकी फरमान सुनाने वाले अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

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