Vitamin D Deficiency: कितने दिनों तक विटामिन-D सप्लीमेंट लेना चाहिए? सुबह या शाम लेने का सही समय क्या है?

Vitamin D Deficiency: विटामिन-डी हमारी सेहत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

Vitamin D Deficiency: विटामिन-डी हड्डियों की मजबूती और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। शरीर में विटामिन-डी की कमी से सेहत खराब हो सकती है। सप्लीमेंट्स, या विटामिन डी सप्लीमेंट्स, विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए भी उपयोग किए जाते हैं, लेकिन इन्हें लेने का सही समय क्या है और कितने दिनों तक इन्हें लेना चाहिए?

शरीर के लिए विटामिन-डी एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो हड्डियों, मांसपेशियों और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देता है। यह शरीर को कैल्शियम और फॉस्फोरस को अब्जॉर्ब करने में मदद करता है, जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।

हालाँकि, आधुनिक जीवनशैली, धूप में कम समय बिताना और कम पोषक तत्वयुक्त भोजन के कारण कई लोगों में विटामिन-डी की कमी है। ऐसे में विटामिन-डी सप्लीमेंट्स लेना एक प्रभावी समाधान हो सकता है। लेकिन सवाल यह उठता है कि विटामिन-डी सप्लीमेंट्स लेने का सही समय (Best Time to Take Vitamin D) क्या है? और विटामिन-डी सप्लीमेंट्स को कितने दिनों तक लेना चाहिए?

डॉ. मोहित शर्मा, अमृता हॉस्पिटल, फरीदाबाद के इंटरनल मेडिसिन विभाग के सीनियर कंसल्टेंट, इन सवालों के जवाब देने के लिए उपस्थित हैं।

विटामिन डी सप्लीमेंट्स लेने का उपयुक्त समय

डॉ. शर्मा बताते हैं कि विटामिन-डी सप्लीमेंट्स लेने का समय कई कारकों पर निर्भर करता है, जिसमें व्यक्ति की हेल्थ कंडिशन और अब्जॉर्प्शन की क्षमता शामिल हैं।

विटामिन-डी एक फैट-सॉल्युबल विटामिन है, जिसका अर्थ है कि यह आसानी से वसा में घुल जाता है। इसलिए इसे हेल्दी भोजन के साथ लेने से यह अब्जॉर्ब होता है। ब्रेकफास्ट या लंच के समय विटामिन-डी सप्लीमेंट्स को अंडे, नट्स, ऑलिव ऑयल या डेयरी के साथ लेना सबसे अच्छा है।

विटामिन डी की गोलियाँ सुबह लेना सबसे अच्छा है। सुबह शरीर का मेटाबॉलिज्म और पोषक तत्वों का अवशोषण तेज होता है।

रात में विटामिन-डी सप्लीमेंट्स नहीं लेना चाहिए। ऐसा करने से मेलानिन उत्पादन कम हो सकता है, जो नींद की गुणवत्ता को खराब कर सकता है।

कितने दिनों तक विटामिन-डी सप्लीमेंट्स लेना चाहिए?

विटामिन-डी सप्लीमेंट्स लेने का समय व्यक्ति की उम्र, हेल्थ कंडिशन और विटामिन-डी लेवल पर निर्भर करता है। अगर किसी व्यक्ति को विटामिन-डी की कमी है, तो डॉक्टर उसे आठ से बारह सप्ताह तक सप्लीमेंट्स लेने की सलाह देते हैं। अब ब्लड टेस्ट से विटामिन-डी की मात्रा की जांच की जाती है। डॉक्टर सप्लीमेंट्स की मात्रा कम कर सकते हैं या पूरी तरह से बंद कर सकते हैं अगर लेवल सामान्य हो जाता है।

यद्यपि, कुछ लोगों को लंबे समय तक विटामिन-डी पूरक लेने की जरूरत हो सकती है। उदाहरण के लिए, जिन लोगों को क्रॉनिक किडनी डिजीज, ऑस्टियोपोरोसिस या मालअब्जॉर्प्शन की समस्याएं हैं, उन्हें विटामिन-डी सप्लीमेंट्स लेने की सलाह दी जा सकती है।

विटामिन-डी सप्लीमेंट्स लेते समय क्या करना चाहिए?

डॉक्टर की सलाह के बिना सप्लीमेंट्स न लें- शरीर विटामिन-डी की अधिक मात्रा से बच सकता है। इसलिए सप्लीमेंट्स लेने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।

नियमित रूप से जांच करें- विटामिन-डी की कमी या अधिकता से स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। यही कारण है कि हर 3 से 6 महीने में इसकी जांच करवाएं। विशेष रूप से यदि आप सप्लीमेंट्स ले रहे हैं।

लंबे समय तक सप्लीमेंट्स न लें- हाइपरकैल्शिमिया, किडनी स्टोन्स और दिल की बीमारियां लंबे समय तक विटामिन-डी सप्लीमेंट्स लेने से हो सकती हैं।

हेल्दी डाइट लें- विटामिन-डी सप्लीमेंट्स के साथ-साथ हेल्दी डाइट लेना भी जरूरी है। मछली, अंडे, दूध और दही जैसे फूड आइटम्स विटामिन-डी के नेचुरल सोर्स हैं।

धूप में समय बिताएं- सूरज की रोशनी विटामिन-डी का सबसे अच्छा सोर्स है। हर रोज 15-20 मिनट सुबह की धूप में बिताने से शरीर में विटामिन-डी का लेवल बढ़ सकता है।

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