ट्रेंडिंग

विवेक ने बताया-भारत ने यूक्रेन का साथ नहीं दिया, तुम्‍हें भी ट्रेन में नहीं बैठने देंगे’

यूक्रेन से 11 दिन बाद घर लौटे जोगेंद्रनगर के बेटे विवेक ने बताया कि उन्हें यूक्रेन में भारतीय होने की भी सजा मिली। न्यूक्‍लीयर बम से हमले की खबर सुनते ही वह बंकर से किराये की गाड़ी में सवार होकर राजधानी कीव के रेलवे स्टेशन में पहुंचे। अभी ट्रेन में पांव ही रखा था कि उन्हें धक्का मारकर बाहर यह कहकर निकाल दिया कि जब यूक्रेन में रूस के हमले पर भारत का सहयोग नहीं मिला तो वह भी भारतीयों का साथ नहीं देंगे।

उन्‍होंने बताया कि उसके साथ हुई धक्का-मुक्की में उसकी जैकेट भी फट गई और लगेज भी चलती रेलगाड़ी से बाहर फेंक दिया गया। 11 दिन में सिर्फ 2 ही दिन उन्हें भरपूर खाना मिल पाया। 9 दिन चिप्स, कुरकुरे और जूस के सहारे जिंदा रहकर वह अपने घर पहुंचे हैं। विवेक ने कीव के होस्टल प्रबंधन की सराहना की व उल्टी परिस्थितियों में यूक्रेनवासियों के सौतेले व्यवहार पर नाराजगी जताई।

रविवार सुबह करीब 7 बजे अपने घर छोटे बाग पहुंचे विवेक ने बताया कि वहां के हालात से उन्होंने जो दिक्कतें झेली हैं उन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता। हर ओर बमबारी और राकेट के हमले से जब यूक्रेन थर्रा गया था तो वह अपने अन्य दोस्तों के साथ बंकर में खौफ के साए में रह रहे थे। पहले दिन एक साथ अलग-अलग जगहों पर हास्टल के नजदीक आठ बम धमाके हुए तो उन्होंने हास्टल छोड़कर बंकर में शरण ली। इसी बीच रूस के न्यूक्‍लीयर हमले की खबर सुनकर वे जब कीव के रेलवे स्टेशन पहुंचे तो उन्हें रेलगाड़ी में सवार नहीं होने दिया गया। किसी तरह वह रोमानिया तक पहुंचे और एंबेसी का संरक्षण मिलने के बाद ही वह अपने घर जीवित लौटे हैं।

Related Articles

Back to top button