UP Politics: BJP MLC विजय बहादुर पाठक ने विकास निधि को GST से बाहर निकालने की मांग की

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UP Politics: विकास कार्यों के लिए प्रस्ताव विधायकों की निधि से 18 प्रतिशत जीएसटी काटे जाने के बाद बनाए जा रहे हैं। हर साल विधायकों को 5 करोड़ रुपये की निधि दी जाती है।
भाजपा के विधान परिषद सदस्य विजय बहादुर पाठक ने जीएसटी की परिधि से विधान मंडल क्षेत्र विकास निधि को बाहर करने की मांग की है। विधान मंडल क्षेत्र विकास निधि के लिए वर्तमान में प्रत्येक विधान मंडल सदस्य को 5 करोड़ रुपये प्रति वर्ष दिए जाते हैं, जैसा कि परिषद में नियम 115 में सूचना दी गई है।
UP Politics: विजय बहादुर पाठक ने कहा कि डीआरडीए द्वारा विधान मंडल क्षेत्र विकास निधि पर 18 प्रतिशत जीएसटी काटने के बाद शेष राशि विकास कार्यों के लिए अवमुक्त की जाती है। यही कारण है कि एक विधान मंडल सदस्य को अपने क्षेत्र के विकास के लिए जीएसटी से प्रतिवर्ष 90 लाख रुपए की बड़ी राशि कटवानी होती है। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय से विधान मंडल क्षेत्र विकास निधि को जीएसटी की परिधि से बाहर करने का अनुरोध किया जाना चाहिए, क्योंकि यह जनहित में महत्वपूर्ण है।
18% कटता है जीएसटी
UP Politics: वास्तव में, विधायकों की निधि से प्राप्त धन से 18 प्रतिशत जीएसटी काटे जाने के बाद विकास कार्यों के लिए प्रस्ताव बनाए जाने लगे हैं। जैसा कि आप जानते हैं, विधायकों को हर वर्ष पांच-पांच करोड़ रुपये मिलते हैं। पिछले वित्तीय वर्ष तक विधायकों को प्रति वर्ष तीन करोड़ रुपये की निधि दी जाती थी। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निधि को पांच करोड़ तक बढ़ा दिया है।
याद रखें कि सोमवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में वर्ष 2024-25 का बजट सदन में पेश किया गया। मुख्यमंत्री और अन्य विधानसभा सदस्य इस दौरान उपस्थित रहे। बजट 7 लाख 36 हजार 437 करोड़ 71 लाख रुपये है, या 7,36,437.71 करोड़ रुपये।
UP Politics: बजट में 24 हजार 863 करोड़ 57 लाख रुपये की नई योजनाएं भी शामिल हैं। प्रदेश सरकार का बजट महिलाओं, युवा, किसानों और रोजगार सृजन पर सबसे अधिक जोर देता है। बजट में राजस्य बचत की अनुमानित राशि 74 हजार 147 करोड़ 07 लाख रुपये है, या 74.147.07 करोड़ रुपये।
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