परशुराम जयंती कब है? जानें दिनांक, शुभ मुहूर्त और श्रीहरि का अवतार क्यों हुआ

अक्षय तृतीया पर खरीदारी करना और भगवान विष्णु के परशुराम अवतार की पूजा करना भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन परशुराम जयंती मनाई जाती है। परशुराम जयंती कब है?

कूर्म, बुद्ध और परशुराम भगवान विष्णु के अवतार वैशाख महीने में हुए थे। परशुराम जयंती वैशाक महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाई जाती है। इस दिन अक्षय तृतीया भी मनाया जाता है। भगवान विष्णु, त्रेतायुग में जन्मे भगवान परशुराम भार्गव के वंश में छठे अवतार हैं।

परशुराम जी को चिरंजीवी कहा जाता है। परशुराम जी की पूजा करने वालों को लंबी आयु का वरदान मिलता है, शत्रुओं को हराया जाता है और सुख-समृद्धि मिलती है। 2024 परशुराम जयंती की तिथि, मुहूर्त और महत्व जानें।

परशुराम जयंती 2024 डेट (Parshuram Jayanti 2024 Date)

10 मई 2024, शुक्रवार को परशुराम की जयंती है। इस दिन अक्षय तृतीया है। भगवान परशुराम ने ब्रह्मणों और उनके ऋषियों को मार डाला था। भारत के पश्चिमी तट पर बहुत से मंदिर भगवान परशुराम को समर्पित हैं।

परशुराम जयंती 2024 मुहूर्त (Parshuram Jayanti 2024 Muhurat)

पंचांग के अनुसार वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 10 मई 2024 को सुबह 04.17 पर शुरू होगी और 11 मई 2024 को सुबह 02.50 पर समाप्त होगी। भगवान परशुराम का प्राकट्य काल प्रदोष काल था, इसलिए इस तिथि को प्रदोषव्यापिनी मानना चाहिए। इसलिए शाम को परशुराम जी की पूजा करें।

पूजा करने का समय— प्रदोष काल पूजा सुबह 07.14 से 08.56। 5.21 शाम से 07.02 रात

विष्णु जी ने क्यों लिया परशुराम अवतार

परशुराम, भगवान विष्णु का छठा अवतार था, जिसमें उन्होंने पापी, विनाशकारी और अधार्मिक राजाओं को हराया। देवी-देवता भी क्रोधित हो गए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान गणेश का दांत परशुराम ने एक बार तोड़ दिया था।

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चिरंजीवी हैं परशुराम जी

अश्वत्थामा बलिव्यासो हनूमांश्च विभीषण:।कृप: परशुरामश्च सप्तएतै चिरजीविन:॥

सप्तैतान् संस्मरेन्नित्यं मार्कण्डेयमथाष्टमम्। जीवेद्वर्षशतं सोपि सर्वव्याधिविवर्जित।।

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