Yogi cabinet ने 12 प्रस्तावों पर मुहर लगाई, यूपी में शराब की दुकानें लाटरी के जरिए बिकेंगी, जानिए अन्य फैसले

Yogi cabinet: यूपी की योगी कैबिनेट ने बारह महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी। कैबिनेट ने भी नई आबकारी नीति को मंजूरी दी है। अब शराब की दुकानों का आवंटन लाटरी सिस्टम के जरिए किया जाएगा।
Yogi cabinet: यूपी की योगी सरकार ने फिर से खजाना भरने के लिए राज्य की आबकारी नीति बदल दी है। उत्तर प्रदेश में शराब की दुकानों की नवीनीकरण व्यवस्था को पूरी तरह से समाप्त करते हुए, अब हर जिले में ई-लाटरी से नए आवंटन किए जाएंगे। इसके अलावा, कंपोजिट शॉप प्रणाली भी शुरू की जा रही है। समूह में मिलकर लोग शराब बेचने के लिए कंपोजिट शॉप ले सकेंगे। बुधवार की शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में बारह प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बजट सत्र को 18 फरवरी से बुलाने पर बैठक में सहमति बनी है और कहा जा रहा है कि 19 फरवरी को बजट प्रस्तुत किया जा सकता है। दुकानों का कोटा उठाने की शर्तों को अपडेट किया गया था।
आबकारी नीति वर्ष 2025–26 को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई है। हर साल राज्य सरकार आबकारी नीति बनाती है। आबकारी नीति वर्ष 2025–26 के लिए बदली गई है। नई नीति के अनुसार, इस बार दुकानों का नवीनीकरण नहीं होगा; इसके बजाय, दुकानों को ई-लाटरी के माध्यम से आवंटित किया जाएगा। जिससे किसी एक समूह की मनमानी न हो, राज्य सरकार ने देशी, अंग्रेजी और बीयर की दुकानों को लेने के लिए रास्ता आसान कर दिया है।
हर जिले में ई-लाटरी होगी
नीति में कहा गया है कि दुकानों को ई लाटरी से आवंटित किया जाएगा। हर जिले में एक ई-लाटरी होगी। एक आवेदक को एक ही स्टोर दिया जाएगा। पूरे क्षेत्र में एक व्यक्ति को दो से अधिक दुकानें नहीं मिलेगी। ई-लाटरी के लिए कोई निजी संस्था नहीं नियुक्त की जाएगी। हर जिले में एनआईसी इसे पूरा करेगा। आवेदन करते समय जमा की जाने वाली राशि गैर-रिफंडेबल होगी।
विधानसभा सत्र 18 से
कैबिनेट की बैठक में 18 फरवरी से विधानमंडल सत्र कराने का प्रस्ताव भी मंजूर किया गया है। 19 फरवरी को बजट दोनों सदनों में रखा जाएगा। इसके अलावा, शाहजहांपुर में एक नया विकास प्राधिकरण बनाने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया गया है। शाहजहांपुर विकास प्राधिकरण के अधीन लगभग 32 गांव होंगे। साथ ही, उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के बस स्टेशनों को पीपीपी मॉडल पर बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है।
साथ ही, कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण नियमावली-2025 को मंजूरी दी है। कैबिनेट ने सुमेर सिंह किला इटावा, कपिलवस्तु सिद्धार्थनगर, शिकोहाबाद फिरोजाबाद, विंध्यांचल मिर्जापुर, झील महल रेस्टोरेंट मऊ और गोपीगंज भदोही को राज्य में स्थित राही पर्यटक आवास गृहों को निजी हाथों में देने के लिए टेंडर मंजूरी दी।
प्राचीन स्मारकों को बचाने की योजना को मंजूरी दी गई
प्रदेश के प्राचीन स्मारकों को सर्वाजनिक पीपीपी मॉडल पर हेरिटेज पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव मंजूर किया गया है। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ में 500 बेड ट्रामा सेंटर के विस्तर और पेसेंट चिकित्सा कॉप्लेक्स का निर्माण मंजूर किया गया है। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव भी मंजूर किया गया है।
इससे डा. आरके धीमन, वर्तमान निदेशक, का कार्यकाल बढ़ जाएगा। उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में बेसिक शिक्षा विभाग की बांटने संबंधी प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। मथुरा में 30 हजार लीटर प्रतिदिन क्षमता वाली एक नई ग्रीन फील्ड डेयरी प्लांट को भी मंजूरी दी गई है। गृह विभाग ने भी 469 नए वाहनों की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
पीपीपी मॉडल पर बनाए जा रहे बस स्टेशनों की लीज अब नब्बे साल
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने 23 बड़े बस स्टेशनों को पीपीपी मॉडल पर बनाया है, जिनके लिए अनुबंधित फर्मों की लीज अवधि 80 वर्ष कर दी गई है। पहले यह समय छोटा था, इसलिए बहुत सी फर्म काम करने में रुचि नहीं दिखा रही थीं। बाद में परिवहन निगम ने यह प्रस्ताव बनाया था।
दो साल पहले, 23 बस स्टेशनों को पीपीपी मॉडल पर आधुनिक बस टर्मिनल बनाने पर समझौता हुआ था। पहले चरण में सिर्फ ग्यारह बस स्टेशनों को पीपीपी मॉडल पर बनाने की अनुमति दी गई थी। इसके बाद बारह और बस स्टेशन इस श्रेणी में आए। प्रमुख जिलों में प्रयागराज, लखनऊ, मेरठ, गाजियाबाद, आगरा, अलीगढ़, अयोध्या, बुलन्दशहर, गोरखपुर, बरेली, वाराणसी, मिर्जापुर, रायबरेली, मथुरा, कानपुर और हापुड़ शामिल थे। यहां के डीएम को बस स्टेशन निर्माण की अवधि में बसों के संचालन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए पहले से ही निर्देश दिए गए हैं। इन बस स्टेशनों पर मल्टीप्लेक्स, रिटेल आउटलेट्स, आधुनिक यात्री सुविधाओं सहित कई अन्य सुविधाएं होंगी। इससे बस स्टेशनों पर यात्रियों को और ज्यादा सहूलियतों को मिलेंगी।