योगी सरकार की नई आवासीय योजनाएं; काशी, मथुरा और अयोध्या में घरों का सपना पूरा होगा

योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के धार्मिक शहरों काशी, मथुरा, अयोध्या और प्रयागराज में निवासियों के सपनों को साकार करने के लिए नवीनतम आवासीय योजनाओं को शुरू किया है। इसके लिए आवास विकास परिषद और विकास प्राधिकरणों से प्रस्ताव मांगे गए हैं।
योगी सरकार: यूपी के धार्मिक शहरों काशी, मथुरा, अयोध्या और प्रयागराज में आप अपना घर बना सकते हैं। यूपी के धार्मिक शहरों के प्रति लोगों में बढ़ते हुए आकर्षण को देखते हुए, योगी सरकार नई आवासीय और व्यापारिक योजनाएं लाने जा रही है। इसमें बड़ी कंपनियों को होटलों और मॉल बनाने के लिए जगह दी जाएगी और लोगों की आवश्यकतानुसार मकान बनाने के लिए जगह दी जाएगी। अयोध्या, वाराणसी, प्रयागराज और मथुरा में ये योजनाएं पहले लागू होंगी। शासन ने इस संबंध विकास प्राधिकरणों और आवास विकास परिषद से प्रस्ताव मांगा है।
राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण और नए शहर प्रोत्साहन कार्यक्रम शुरू किया है। इस योजना में विकास प्राधिकरणों को भूमि खरीदने के लिए कर्ज मिलेगा। उत्तर प्रदेश में धार्मिक पर्यटन में तेजी से वृद्धि हुई है। खासकर अयोध्या और काशी में आने वालों की संख्या बहुत बढ़ी है। इससे राज्य के अन्य धार्मिक स्थानों, विशेष रूप से मथुरा, विंध्याचल, चित्रकूट और प्रयागराज में भी बहुत से लोग आ रहे हैं। धार्मिक नगरों में आवास की मांग और व्यवसायिक प्रतिष्ठान की मांग में भी काफी वृद्धि हुई है।
आपसी सहमति के आधार पर जमीन खरीदेंगे
आवास विभाग इन शहरों में नई घरेलू और व्यावसायिक योजनाएं लाना चाहता है। इसके लिए आवास विकास परिषद और विकास प्राधिकरणों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। इसमें कहा गया है कि उन्होंने विस्तृत प्रस्ताव भेजा होगा। इसमें योजना लाने के लिए कितनी जमीन अधिग्रहीत करेंगे बताएं। इसमें गांवों को भी नाम देने के लिए कहा गया है। किसानों से समझौते के आधार पर जमीन खरीदली जाएगी। विकास प्राधिकरणों और आवास विकास परिषद से प्रस्ताव मिलने के बाद शासन इसे कैबिनेट में पेश करेगा।
माल व होटल अंतर्राष्ट्रीय स्तर के बनेंगे
कैबिनेट द्वारा प्रस्ताव पारित होने पर संबंधित शहरों को तीन किस्तों में धन दिया जाएगा। योजना लाने के लिए विकास प्राधिकरणों को प्रचार करना होगा। इसमें बताया जाना चाहिए कि किस वर्ग के लिए कितने फ्लैट और घर बनाए जा रहे हैं। यह भी बताना चाहिए कि होटलों और मॉलों को कितनी जमीन मिलेगी। अंतरराष्ट्रीय होटल और मॉल टेंडर निकाले जाएंगे, जिससे विदेशी कंपनियां शामिल हो सकें। आवास विभाग का मानना है कि इससे लोगों की जरूरतें पूरी होंगी और विकास प्राधिकरणों का खजाना भरेगा और भविष्य में नई योजनाएं लाने के लिए शासन से पैसे नहीं मांगने पड़ेंगे।