इमली के अनोखे फायदे जानकर हो जाएंगे हैरान, तानसेन के राग का राज है इमली –

‘इमली’, वैसे तो इसका नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है. लेकिन बहुत ही कम लोगों को पता होगा कि इमली खाने से अनेकों फायदे भी हैं. और नुकसान भी हैं.

वैसे तो इमली को खाने के लिए लोग एक खट्टे पदार्थ के रूप में ही मानते हैं. लेकिन इसके ऐसे बड़े उदाहरण है जिसको जानकर आपके होश उड़ जाएंगे. जो संगीत को नापसंद करते हो वह भी संगीत में मन मुक्त हो जाते हैं और संगीत को इंजॉय करते हैं. संगीत का जादू आज से नहीं बल्कि कई सालों पहले से ही सिर चढ़कर बोलता चला रहा है. उन्हीं में से एक सबसे महान संगीतकार के नाम से जाने जाते हैं जिनका नाम है तानसेन.

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वैसे तो भारत में संगीत के क्षेत्र में एक से बढ़कर एक धुरंधर आए. जिन्होंने न सिर्फ भारत बल्कि देश विदेश में भी अपने झंडे गाड़े और भारत का नाम रोशन किया. लेकिन जब बात तानसेन की की जाए उनके संगीत में जो जादू था ऐसा जादू ना किसी कलाकार में था और ना ही हो पाया है. संगीत सुनने से ना सिर्फ मनोरंजन होता है बल्कि शरीर भी स्वस्थ रहता है और मानसिक बीमारियां भी दूर रहती हैं. संगीत से मन तरोताजा हो जाता है.

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16 वीं शताब्दी में तानसेन संगीत के एक पर्याय बन चुके थे. अध्ययन से पता चलता है कि तानसेन जब अपना राग छोड़ते थे, तब मौसम में भूचाल आ जाता था. बिन मौसम बारिश चालू, घने बादल हो जाते थे. कहते हैं उनके राग से दीपक जल उठते थे. यही कारण है कि तानसेन जी को संगीत का सम्राट कहां जाने लगा | उन्होंने सिर्फ संगीत को ही आगे बढ़ाने का काम नहीं किया बल्कि कई रागों का भी निर्माण किया. लेकिन एक बात बहुत ही कम लोगों को मालूम होगी, कि तानसेन बचपन में बोल नहीं पाते थे. अध्ययन में बताया गया है कि तानसेन के राग का राज इमली का पेड़ है.

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जब बचपन में तानसेन के माता-पिता को पता चला कि वह बोल नहीं पाते तो काफी परेशानी रहते थे. तब उनको बताया गया कि आप इन्हें इमली के पत्ते खिलाएं. जिसके बाद उन्होंने इसका सेवन तानसेन को कराना शुरू किया. उसे कुछ ही दिनों में वह बोलने लगे. जिसके बाद उनका रुझान संगीत की तरफ बढ़ा और वह है संगीत का अभ्यास करने लगे.

खास बात यह थी कि वह इसका अभ्यास इमली के पेड़ के नीचे ही करते थे. इमली की पत्तियों में कई प्रकार के गुण हैं जिसका इस्तेमाल हम सेहत की समस्याओं में राहत लेने के लिए करते हैं हमारे शरीर में जब घाव हो जाते तब हम इमली की पत्ती को पीसकर उन भाव में लगाते हैं. जिससे हमें लाभ होता है.

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इमली के पत्ते के फायदे –

इमली में विटामिन c भरपूर मात्रा में मिलती है. जिससे हम सूक्ष्मजीवी संक्रमण से अपने शरीर की रक्षा कर पाते हैं. जिसे हमारा शरीर भी स्वस्थ रहता है. इमली के इस्तेमाल से हम अपने शरीर में होने वाली सूजन को भी कम करते हैं. इसका प्रयोग हम जोड़ों के दर्द और सूजन से आराम प्राप्त करने के लिए करते हैं. सिर्फ यही नहीं इमली के पत्ते चबाने से हम अनेक प्रकार की बीमारियां जैसे पीलिया,दस्त, मलेरिया आदि रोगों से अपने शरीर को बचाते हैं. इमली दस्त,पेट संबंधी समस्याएं, फोड़े फुंसी के घाव, खांसी या गले के संक्रमण से बचाव में काफी फायदेमंद साबित होती है. साथ ही इसका सबसे बड़ा फायदा माताओं के स्तन में दूध की गुणवक्ता को सुधार में लाने का काम करती है.

इमली खाने के नुकसान –

जैसा कि सभी को मालूम है कि इमली के पत्तों में टैनिन मौजूद होता है. ऐसे में अगर हम इसका अधिक मात्रा में प्रयोग करते हैं. तो लिवर संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, वहीं अगर महिला गर्भवती है तो वह इमली का सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के ना ले. क्योंकि इमली का सेवन लगातार करने से चर्म रोग होने का डर रहता है. अधिक मात्रा में इसका प्रयोग करने से हमारे दांतो में प्रभाव पड़ता है. इसमें मौजूद अम्लीय प्रभाव के कारण दातों का इनेमल प्रभावित होता है.

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