जेलेंस्की की यूरोपीय नेताओं को चेतावनी, बोले- पुतिन को रोका नहीं तो मिट जाएगा यूरोप

यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग का आज दसवां दिन है। जहां अब रूस यूक्रेन के रिहायशी इलाकों को निशाना बना रहा है। और वही यूक्रेन ने दावा किया है कि साइटोमीटर शहर में रूसी बम अटैक से उसके कुल 47 नागरिक मारे गए हैं। जिस पर स्थानीय पुलिस ने इसे क्लस्टर बम से किया हुआ हमला बताया है। यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने बयान दिया है कि रूस के कई सैन्य ठिकानों के अलावा रहीसी रिहायशी इलाकों में भी लगातार रूस हमले कर रहा है और इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने यूरोपीय नेताओं से रूस को रोकने के लिए मदद करने की अपील की और जेलेंस्की के ने कहा अगर उसको अभी नहीं रोका गया तो पूरा का पूरा यूरोप खत्म हो जाएगा। इसी के साथ ही जेलेंस्की ने यह भी दावा किया कि उसका एक रॉकेट कीव में राष्ट्रपति भवन के बाहर गिरा है उन्होंने कहा कि रूस का निशाना चूक गया।
रूस ने कल यानी शुक्रवार को यूक्रेन के मारियो पोल शहर के रेजिडेंशियल अपार्टमेंट पर एक मिसाइल दागी हालांकि इस घटना के बाद बिल्डिंग में कोई भी मौजूद नहीं था जिससे हमले से अपार्टमेंट में आग लग गई वर्ल्ड जेलेंस्की ने यूक्रेन को नो फ्लाई जोन ना बनाने के फैसले पर नाटो की आलोचना की है आपको बता दें कि नाटो के विदेश मंत्रियों की बैठक में जलन स्की के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया था।
वहीं फ्रांस ने जपोरिजिया न्यूक्लियर प्लांट पर रूसी सेना के हमले की घोर निंदा की है फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान जारी करते हुए यूएन से किस की सुरक्षा के लिए विशेष सत्र बुलाने की मांग भी की है।
यूक्रेन की राजधानी कीव समेत धार की मारियो पोल जैसे शहरों को रूस की सेना ने घेर रखा है और यहां हर जरूरी सामान की सप्लाई काट दिया इससे फंसे हुए नागरिकों को बहुत ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

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वहीं रूस ने फेसबुक टोटल को भी अपने देश में बैन कर दिया यूक्रेन से जंग के दौरान रूस ने फेसबुक और ट्विटर पर बैन लगा दिया जिससे पुतिन प्रशासन ने कहा कि रूस की मीडिया के कंटेंट पब्लिशिंग में भेदभाव करने की वजह से इस प्रतिबंध को जारी किया गया है और रूस की सेंसरशिप एजेंसी रोजकोम्नादजोर ने कहा कि ट्विटर और फेसबुक के खिलाफ 26 मामले सामने आए जिसके बाद उस पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया गया।
वही फेसबुक ने अपने पक्ष में बयान जारी करते हुए कहा कि रूस के इस फैसले से लाखों लोग भरोसेमंद जानकारी मिलने से वंचित हो जाएंगे।

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