टोकन खरीदारी में आई गिरावट, पेपर टिकट पर 74 लाख यात्रियों ने किया सफर; रिपोर्ट पढ़ें

टोकन खरीदारी में आई गिरावट, पेपर टिकट पर 74 लाख यात्रियों ने किया सफर; रिपोर्ट पढ़ें
दिल्ली मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों के लिए अब क्यूआर कोड आधारित पेपर टिकट की बिक्री तेजी से हो रही है। टोकन की बिक्री में 30 फीसदी तक की गिरावट आई है

शुरुआत के एक महीने से भी कम वक्त में मेट्रो में सफर के लिए 74 लाख से अधिक क्यूआर कोड आधारित पेपर टिकट की बिक्री हुई। अधिकारियों के मुताबिक, मई में सेवा की शुरुआत के बाद यात्रियों ने इसका उपयोग करना शुरू किया। इससे टोकन की बिक्री में 30 फीसदी तक की गिरावट आई है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने 8 मई से क्यूआर कोड-आधारित पेपर टिकट प्रणाली की शुरुआत की थी। यात्रियों के लिए टिकटिंग प्रणाली को और अधिक पारदर्शी बनाने और मानवीय हस्तक्षेप को खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक, डीएमआरसी की कोशिश है कि धीरे-धीरे टोकन की बिक्री को बंद किया जाए।

टोकन की खरीदारी में आई कमी
डीएमआरसी के अधिकारी के मुताबिक, सेवा के शुरू होने के बाद यात्रियों ने टोकन खरीदना कम कर दिया है। क्यूआर कोड आधारित पेपर टिकटों का इस्तेमाल करने में यात्रियों की तरफ से कुछ एएफसी गेट पर तकनीकी समस्या होने की शिकायतें भी कीं। इसे दुरुस्त करने के बाद ऐसे टिकट की बिक्री में और बढ़ोतरी होने की उम्मीद जताई जा रही है।
जून के अंत तक सभी स्टेशनों पर मिलेगी सुविधा
यात्रियों को नेटवर्क पर निर्बाध सफर का मौका देने के लिए डीएमआरसी की ओर से स्मार्ट कार्ड भी जारी किए जा रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि जून के आखिरी तक पूरे नेटवर्क के सभी स्टेशनों को क्यूआर कोड आधारित टिकट के लिए तैयार कर लिया जाएगा। दिल्ली मेट्रो ने दिसंबर 2002 में रेड लाइन पर छह स्टेशनों के बीच 8.2 किमी के कॉरिडोर पर सफर की शुरुआत की थी। विस्तार के बाद 286 स्टेशनों के साथ नेटवर्क बढ़कर 391 किमी का हो गया है। दिलचस्प यह है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी ने दिल्ली मेट्रो के पहले कॉरिडोर पर सेवा की शुरुआत की थी। इसके अगले दिन ही यात्रियों की भीड़ इतनी बढ़ गई कि इसे नियंत्रित करने के लिए पेपर टिकट जारी करना पड़ा।
बंद हो जाएगी टोकन की बिक्री
कोविड-19 महामारी के दौरान यात्रा में सोशल डिस्टेसिंग और संपर्क रहित सेवा के लिहाज से चरणों में टोकन की बिक्री बंद करने की दिशा में पहल की। दिल्ली मेट्रो �

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