Matra Navami 2023: मातृ नवमी कब मनाई जाए? इस दिन माता की पूजा करने का खास महत्व, जानें विधि
Matra Navami 2023
Matra Navami 2023: पितृ पक्ष में माता का श्राद्ध नवमी पर होता है। मातृ नवमी इसका नाम है। मृत्यु के बाद माता की आत्मिक संतुष्टि और शांति के लिए पूरी श्रद्धा से मातृ नवमी पर कामना, प्रार्थना, कर्म और प्रयास करना सफल होता है। आइए जानते हैं कि इस वर्ष मातृ नवमी कब है और किन लोगों का श्राद्ध किया जा सकता है।
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क्या मातृ नवमी श्राद्ध है?
मातृ नवमी कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन दिवंगत माताओं, बहुओं और बेटियों का पिंडदान किया जाता है जो सुहागिन होकर मर गईं। यह मातृ नवमी श्राद्ध है। नौमी श्राद्ध और अविधवा श्राद्ध दो अलग नाम हैं।
Matra Navami 2023 डेट
7 अक्टूबर 2023 को मातृ नवमी है। यह तिथि माता का श्राद्ध करने का सबसे अच्छा दिन है। इस तिथि पर श्राद्ध करने से परिवार की सभी मृतक महिलाओं की आत्मा प्रसन्न होती है।
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मातृ नवमी 2023 श्राद्ध समय
- कुतुप मूहूर्त – सुबह 11:45 – दोपहर 12:32
- रौहिण मूहूर्त – दोपहर 12:32 – दोपहर 01:19
- अपराह्न काल – दोपहर 01:19 – दोपहर 03:40
Matra Navami 2023 महत्व
पितृपक्ष में हर तिथि महत्वपूर्ण है, लेकिन मातृ नवमी को सौभाग्यवती श्राद्ध तिथि भी कहा जाता है। जब भी मां जीवित रहती है, वह परिवार को खुश करने के लिए हर संभव प्रयास करती है। यही कारण है कि मातृ नवमी पर माता की स्मृति में श्राद्ध करने से सभी दुःख दूर होते हैं और घर उनकी कृपा से फूलता है।
मातृ नवमी पर क्या करें?
सुबह जल्दी स्नान करें, फिर दोपहर में दक्षिण दिशा में चौकी पर सफेद आसन बिछाएं, जिस पर मृत परिजन की फोटो रखी जानी चाहिए, माला पहनाएं। तस्वीर के सामने गुलाब के फूल चढ़ाएं, फिर तेल का दीपक जलाएं और काले तिल डालें. फिर नियमानुसार श्राद्ध करें।
इस दिन को भूलकर भी किसी महिला का अपमान न करें, घर आए मेहमानों को भोजन और जल के बिना छोड़ दें।
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