14 फरवरी को Haldwani में हाईकोर्ट में सुनवाई, स्कूल बंद, दंगाइयों को गोली मारने का आदेश

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Haldwani News: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए राजधानी देहरादून में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई और अधिकारियों को अराजक तत्वों से सख्ती से निपटने का आदेश दिया।

उत्तराखंड के Haldwani जिले के बनभूलपुरा क्षेत्र में गुरुवार को नगर निगम ने जेसीबी मशीन से ‘‘अवैध’’ मदरसा और मस्जिद को तोड़ डाला। बाद में क्षेत्र में हिंसा बढ़ी, जिससे कर्फ्यू लगा दिया गया और दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया गया। पुलिस ने बताया कि घटना में 60 लोग घायल हुए हैं। घायलों में Haldwani के अनुमंडलाधिकारी (एसडीएम) भी शामिल हैं।

उसने कहा कि शहर के बनभूलपुरा क्षेत्र में हुई हिंसा के बाद अस्पताल में भर्ती कराए गए लगभग 60 लोगों में से अधिकांश पुलिसकर्मी और नगरपालिका कर्मचारी थे, जो एक स्थानीय मदरसे को नष्ट करने में शामिल थे। Haldwani में हिंसा बढ़ने पर सभी दुकानें बंद कर दी गईं। कर्फ्यू लगने के बाद शहर और उसके आसपास के सभी स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है, जो कक्षा 1 से 12 तक है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बीच राजधानी देहरादून में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर स्थिति की समीक्षा की और अराजक तत्वों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए। नगर निगम की टीम ने बनभूलपुरा के इंदिरा नगर क्षेत्र में मलिक के बगीचे में बने अवैध मदरसे और मस्जिद को जेसीबी मशीन से तोड़ दिया।

कार्रवाई का विरोध

प्राप्त जानकारी के अनुसार, नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय, सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, उप जिलाधिकारी परितोष वर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौके पर उपस्थित थे। महिलाओं सहित कई स्थानीय निवासी कार्रवाई का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर आए। उन्हें बैरिकेड तोड़ते हुए देखा गया और विध्वंस की कार्रवाई कर रहे पुलिसकर्मियों से बहस करते हुए देखा गया।

अधिकारियों ने बताया कि मदरसे और मस्जिद को एक बुलडोजर ने गिरा दिया, फिर भीड़ ने पुलिसवालों, नगर निगम कर्मियों और पत्रकारों पर हमला किया, जिससे 60 से अधिक लोग घायल हो गए। पुलिस ने हिंसक लोगों को बाहर निकालने के लिए पहले आंसू गैस के गोले छोड़े, फिर हल्का बल प्रयोग किया। अधिकारियों ने बताया कि भीड़ ने पुलिस गश्ती कार सहित कई वाहनों को आग लगाने से तनाव बढ़ा।

उन्होंने बताया कि देर शाम तक तनाव और बढ़ा और बनभूलपुरा थाने में भी आग लगा दी गई, जिससे कस्बे में कर्फ्यू लगा दिया गया। नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद मीणा की अगुवाई में इस दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा। मीणा ने बताया कि अदालत के आदेश के अनुपालन में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई है।

तीन एकड़ जमीन का मामला

ध्वस्त किया गया मदरसा और नमाज स्थल पूरी तरह से गैरकानूनी था, जैसा कि नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने कहा। उन्हें बताया गया कि इस स्थल के पास तीन एकड़ जमीन को नगर निगम ने पहले ही अधिग्रहण कर लिया था और अवैध मदरसे और नमाज स्थल को बंद कर दिया था, जो आज ध्वस्त हो गया है।

पुलिस ने कहा कि पथराव करने वालों को पहचाना जा रहा है। मुख्यमंत्री ने Haldwani में पुलिस और प्रशासन के कर्मचारियों पर हुए हमले और क्षेत्र में अशान्ति फैलाने की घटना को गम्भीरता से लेते हुए सख्त निर्देश दिए कि वे शान्ति और कानून व्यवस्था कायम रखें।

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स्थिति की समीक्षा 

मुख्यमंत्री ने देहरादून में अपने आधिकारिक आवास पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हालात की समीक्षा की। स्थानीय लोगों से उन्होंने शान्ति बनाए रखने की अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और क्षेत्र में शांति कायम की जाएगी। उन्हें स्पष्ट रूप से कहा गया कि राज्य में कानून व्यवस्था से किसी को भी खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

हालाँकि, आज उत्तराखंड उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें मस्जिद और मदरसे को ढहाने से रोकने की मांग की गई है। मलिक कॉलोनी निवासी साफिया मलिक और अन्य ने Haldwani नगर निगम द्वारा भेजे गए नोटिस को चुनौती दी है। किंतु न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की अवकाशकालीन पीठ ने मामले में कोई राहत नहीं दी, जिसके बाद ध्वंस की कार्रवाई शुरू हुई। 14 फरवरी को अब इस मामले की सुनवाई होगी।

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