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CM Bhagwant Maan ने पंजाब के लिए वित्त कमीशन से विशेष पैकेज की मांग की।

CM Bhagwant Maan ने कहा कि पंजाब ने आज़ादी से पहले और बाद के समय देश को अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में और बेमिसाल कुर्बानियों के महत्वपूर्ण योगदान के लिए विशेष सम्मान का हकदार है।

CM Bhagwant Maan: वित्त कमीशन से राज्य के विकास को बढ़ावा देने के लिए 132,247 करोड़ रुपए की फंड्स की मांग,किसानों को मौजूदा संकट से बचाने के लिए फसली विभिन्नता को बढ़ावा देने की वकालत की

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज राज्य के दौरे पर आई 16वें वित्त कमीशन की टीम से राज्य के सर्वपक्षीय विकास के लिए विशेष पैकेज की मांग की, जो वित्तीय सूझबूझ और तथ्यों पर आधारित है।

कमीशन के सचिव ऋत्विक पांडे और कमीशन के चेयरमैन डा. अरविन्द पनगड़िया, मैंबर अजय नारायण झा, ऐनी जॉर्ज मैथ्यू, डा. मनोज पांडा और सौम्याकांती घोष का मुख्यमंत्री ने गर्मजोशी से स्वागत किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब ने देश को अनाज क्षेत्र से आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, इसलिए राज्य को उत्पादकता, लाभ और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए विशेष आर्थिक योजना दी जानी चाहिए। उनका कहना था कि पंजाबियों ने पहले ही हर क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना ली है और यह पैकेज राज्य की अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूत करेगा। भगवंत सिंह मान ने उम्मीद जताई कि वित्त कमीशन राज्य सरकार की आवश्यकताओं पर गंभीरता से विचार करेगा और पंजाब को विनम्रतापूर्वक के साथ फंड्स अलाट करेगा।

CM Bhagwant Maan ने पंजाब के लिए वित्त कमीशन से विशेष पैकेज की मांग की।

मुख्यमंत्री ने वित्त कमीशन से राज्य के विकास को बढ़ावा देने के लिए 1,32,247 करोड़ रुपए की राशि देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इन निवेशों में 75 हजार करोड़ रुपए का विकास निवेश, कृषि और फसली विभिन्नता के लिए 17,950 करोड़ रुपए, पराली प्रबंधन और परिवर्तन प्रबंधों के लिए 5025 करोड़ रुपए, नार्को-आतंकवाद और नशों की बुराई से निपटने के लिए 8846 करोड़ रुपए और उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए 6000 करोड़ रुपए शामिल हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि शहरी स्थानीय इकाईयों के लिए 9426 करोड़ रुपए और ग्रामीण स्थानीय इकाईयों के लिए 10,000 करोड़ रुपए देने की मांग की गई है।

महान गुरुओं, संतों, पीरों और शहीदों की पवित्र जमीन पर कमीशन का स्नेहपूर्ण स्वागत हुआ। उन्होंने कहा कि पंजाब के मेहनती किसानों ने देश को अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में बड़ा योगदान दिया है, इसलिए राज्य को देश का अन्न भंडारण कहा जाता है। यही कारण है कि भगवंत सिंह मान ने कहा कि देश की खड़गभुजा होने के नाते राज्य ने आज़ादी के संघर्ष में सबसे अधिक कुर्बानियां दीं हैं और अब आज़ादी मिलने के बाद भी देश की एकता, अखंडता और प्रभुसत्ता की रक्षा के लिए दृढ़ता से काम कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने पंजाब में कुशल, पारदर्शी सरकार और मज़बूत आर्थिक विकास लाने के लिए गहरे सुधारों की शुरुआत की है। उनका कहना था कि हमने अपने लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए कई जनहित सुधारों को लागू किया है। उनका कहना था कि पंजाब अधिक स्थिरता और स्व-निर्भरता के लिए स्रोतों को प्राप्त करने में अपनी पूरी कोशिश कर रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य के टैक्स राजस्व के प्रमुख वर्गों ने पिछले दो वर्षों में राष्ट्रीय विकास दर को पछाड़ते हुए बड़ा विस्तार देखा है। उनका कहना था कि जीएसटी राजस्व 33% बढ़ा है और आबकारी में 50% से अधिक का इजाफा हुआ है। यह पहले से ही मज़बूत प्रशासन और इमानदार शासन के कारण संभव हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भी विभिन्न खर्चों की समीक्षा कर रही है और गैर-उत्पादक खर्चों को तर्कसंगत बनाने पर विचार कर रही है। उनका कहना था कि सौर ऊर्जा के माध्यम से हम लंबे समय तक बिजली सब्सिडी को उपयुक्त बनाने का लक्ष्य रखते हैं और हमारे बिजली ढांचे की भरोसे योग्यता को सुधारेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब की समस्याएं नई नहीं हैं और यह हमें विरासत में मिलीं हैं। मतदान से ठीक पहले पूर्ववर्ती सरकारों ने गलत राजनैतिक निर्णय लेकर इनमें से कई समस्याएं उत्पन्न की हैं। चाहे वह 2017 में मार्च में सीसीएल से 30,584 करोड़ रुपये का ऋण हो या 2021 के चुनाव से पहले दी गई बड़ी-बड़ी अनावश्यक सबसिडियां हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन कदमों के बुरे नतीजे आज भी महसूस किये जा रहे हैं क्योंकि हम विरासत में मिली इन चुनौतियों के बीच वित्तीय मज़बूती हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार “रंगला पंजाब” बनाने के लिए सख्त प्रयास कर रही है, और इसके लिए राज्य के लोगों का सहयोग चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य को विरासत में मिली कठिनाइयों के अलावा आज कई ऐसी अद्भुत चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिन का आज कोई और राज्य सामना नहीं कर रहा है। उनका कहना था कि सरहदी सूबा होने के कारण पंजाब में बड़ी संख्या में पुलिस बलों की भरती की जाती है, क्योंकि राज्य नार्को-आतंकवाद और सरहद पार की गतिविधियों का सामना कर रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब पुलिस 500 किलोमीटर से अधिक दूरी पर देश की एकता और अखंडता की रक्षा कर रही है।

मुख्यमंत्री ने वित्त कमीशन से राज्य की पुलिस बल को आधुनिक बनाने और राष्ट्रीय दायित्व को कुशलता से निभाने के लिए बड़े पैमाने पर धन देने की अपील की। उन्होने यह भी कहा कि पंजाब सरकार ने राज्य में पहली सड़क सुरक्षा फोर्स (एस. एस. एफ) बनाने की पहल की है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि फरवरी 2024 में शुरू हुए इस बल ने एक हजार से अधिक महत्वपूर्ण जानें बचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सूबो के मेहनती किसानों ने देश के लिए अनाज उत्पादित करने के लिए उपजाऊ मिट्टी और पानी जैसे महत्वपूर्ण कुदरती स्रोतों का अधिक से अधिक उपयोग किया है। उनका कहना था कि भूजल के मामले में, राज्य के लगभग सभी ब्लाक ब्लैक ज़ोन में गए हैं, जिससे पंजाब का पानी तेजी से कम हो रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि तेजी से घट रहे पानी के स्तर के बाद पंजाब में पानी निकालने के लिए उच्च शक्ति वाली मोटरों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो दुबई और अन्य खाड़ी देशों में तेल निकालने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का पानी बचाने का एकमात्र उपाय कृषि विविधता को बढ़ाना है। उनका कहना था कि राज्य सरकार ने खेती विभिन्नता को बढ़ावा देने के लिए 17,500 रुपए प्रति हेक्टेयर की रियायत के प्रस्ताव को भारत सरकार ने हाल ही में मंजूर किया है, जो बहुत सम्मानजनक और संतोषजनक है। यह भ्रष्टाचार को खत्म करने में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। उनका कहना था कि पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने देश में हरित क्रांति की शुरुआत की थी और अब इसका नेतृत्व विश्व प्रसिद्ध टिशू कल्चर विशेषज्ञ करता है, जो फ़सली विभिन्नता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार भूजल को बचाने के लिए नहरी पानी के उपयोग को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है और पंजाब अब सिंचाई के लिए 70 प्रतिशत की जगह 30 प्रतिशत नहरी पानी का उपयोग कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे भूजल की बचत होगी और बिजली की बचत होगी, जो सरकारी खजाने पर बोझ कम करेगा।उन्होंने कहा, टाटा स्टील जैसे बड़े उद्योगपति राज्य सरकार की निवेश हितैषी नीतियों के कारण पंजाब में निवेश करने को तैयार हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब में औद्योगिक इकाईयां तबदील हो रही हैं क्योंकि पड़ोसी राज्य में टैक्स रियायतों से उसका विकास बाधित हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने कई नए विचार प्रस्तुत किए हैं, जिनमें अलग-अलग रंगों वाले स्टैंप पेपर शामिल है, जो राज्य में औद्योगिक क्रांति के नए युग की शुरुआत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब देश का पहला राज्य है, जिसने उद्दमियों को अपनी यूनिट बनाने के लिए हरे रंग के स्टैंप पेपर जारी किए हैं, जिससे राज्य की औद्योगिक वृद्धि होगी। उन्हें लगता था कि यह एक क्रांतिकारी कार्रवाई है, जिसका उद्देश्य कारोबार के लिए अनुकूल वातावरण बनाना है, जो राज्य में अपनी कंपनियों को बनाना चाहते हैं।

मुख्यमंत्री ने वित्त कमिशन से पंजाब के सामने खड़ी चुनौतियों को पहचानने और राज्य को इन बाधाओं को पार करने में सहायता देने की अपील की। उनका कहना था कि हमारे राज्य के वित्त में महत्वपूर्ण सुधार करने और सभी को स्थायी सुख और विकास की ओर ले जाने में कमिशन की मदद करना बहुत ज़रूरी है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि हालात चाहे जो भी हो, पंजाब हमेशा डट कर खड़ा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब ने मुश्किलों का सामना करते हुए हमेशा पहले की अपेक्षा और मजबूत होकर उभरा है और हम इस महान परंपरा को जारी रखेंगे। उनका कहना था कि कमिशन के सहयोग और मार्गदर्शन से राज्य सरकार पंजाब की अर्थव्यवस्था को अधिक मजबूत और सहायता देगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब सरकार इस अच्छे काम को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी।

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