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UP News: Yogi सरकार कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों को ग्रेडिंग देगी और सुविधाओं का भी आकलन करेगी

यूपी की Yogi सरकार कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) को ग्रेड देगी। शिक्षा के कार्यक्रमों और केजीबीवी में उपलब्ध शिक्षण सुविधाओं को इसके तहत भी मूल्यांकन किया जाएगा।

Yogi सरकार जल्द ही राज्य भर में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) को बेहतर दर्जा देगी। शिक्षा के कार्यक्रमों और केजीबीवी में उपलब्ध शिक्षण सुविधाओं को इसके तहत मूल्यांकन किया जाएगा। ग्रेडिंग पूरी होने पर कस्तूरबा स्कूलों की सूची प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। नवोदय विद्यालयों से भी ग्रेडिंग के दौरान गैप एनालिसिस किया जाएगा।

पहली बार प्रदेश में संचालित 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के ग्रेडिंग के लिए ऑनलाइन परीक्षण होगा। शासन के आदेश के बाद समग्र शिक्षा निदेशालय इसका अंतिम मसौदा बना रहा है। इसके अंतर्गत तीन स्तरों में ग्रेडिंग कराने की प्रणाली है। मसलन, सभी कस्तूरबा विद्यालयों को श्रेणी ‘ए’, श्रेणी ‘बी’ और श्रेणी ‘सी’ में विभाजित किया जाएगा। ग्रेडिंग में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों को मुख्य रूप से वहां उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं का आकलन करना होगा; शिक्षा का स्तर और गुणवत्ता; शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की संख्या और उनका बालिकाओं के साथ व्यवहार; और विद्यालय परिसर की साफ-सफाई। ‘ए’ ग्रेड प्राप्त करने वाले विद्यालयों को अलग-अलग क्षेत्रों में विशेष सुविधाएं दी जाएंगी।

राज्य की समग्र शिक्षा परियोजना निदेशक कंचन वर्मा ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को सर्कुलर भेजा है, जिसमें कहा गया है कि केजीबीवी का शैक्षणिक स्तर अन्य अग्रणी राज्यों की तरह बनाए रखने के लिए ग्रेडिंग किया जाएगा। इसके लिए तत्काल तैयारी करनी चाहिए। यही कारण है कि सभी बेसिक शिक्षा अधिकारी अपने जिले के केजीबीवी स्तरों को सुधारने के लिए आवश्यक सभी प्रयास करें और मानकों का पूर्ण रूप से पालन करने की सुनिश्चित करें। जल्द ही ग्रेडिंग के बारे में अधिक जानकारी दी जाएगी।

तीन श्रेणियों में ग्रेडिंग होगी

तीन श्रेणियों में ग्रेडिंग होगी। शीर्ष स्कूलों को ‘ए’ ग्रेड मिलेगा, जबकि दूसरे स्कूलों को ‘बी’ ग्रेड मिलेगा। सबसे अंतिम पायदान वाले स्कूलों को सी ग्रेड मिलेगा।

इन सभी मानकों को ग्रेडिंग में देखा जाएगा।

वहां कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं का निरीक्षण किया जाएगा। शिक्षक से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तक पूरा होना चाहिए। बच्चों की पढ़ाई की गुणवत्ता मापी जाएगी। वहां बालिकाओं को दिए जाने वाले भोजन और अन्य सामग्री की गुणवत्ता को भी जांचेंगे। साथ ही बालिकाओं के गुरू-शिष्य और दोस्ती के संबंधों का भी विश्लेषण किया जाएगा।

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