Pradosh Vrat: इस विधि से शनि प्रदोष व्रत के दिन रुद्राभिषेक करें, हर मन्नत पूरी होगी!
Shani Pradosh Vrat Puja: शनि प्रदोष व्रत शिव और शनि देव दोनों को समर्पित है। इस दिन रुद्राभिषेक करना शनि दोष से छुटकारा दिलाता है और जीवन में सुख-समृद्धि लाता है। आइए शनि प्रदोष व्रत पर रुद्राभिषेक करने का तरीका जानते हैं।
Shani Pradosh Vrat Shubh Muhurat Puja Vidhi: हिन्दू धर्म में शनि प्रदोष व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। जब भगवान शिव को जल और अन्य पवित्र सामग्री से अभिषेक किया जाता है, तो यह एक शक्तिशाली पूजा विधि है। प्रदोष काल में रुद्राभिषेक करना सबसे अच्छा है। प्रदोष काल सूर्यास्त से लगभग डेढ़ घंटे तक चलता है। शनि प्रदोष के दिन रुद्राभिषेक करने से जीवन में आने वाली हर समस्या दूर होती है। इसके अलावा, विधि-विधान से शनि प्रदोष व्रत करने पर लोगों की मनचाही इच्छा पूरी होती है और कुंवारी कन्याओं को अपना मनचाहा वर मिलता है।
इस वर्ष की पौष मास की त्रयोदशी तिथि 28 दिसंबर को दोपहर 2 बजकर 26 मिनट से शुरू होगी और 29 दिसंबर को तड़के 3 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी, जैसा कि पंचांग बताता है। इसलिए, शनि प्रदोष व्रत 28 दिसंबर, शनिवार को रखा जाएगा, उदयातिथि के अनुसार। 28 दिसंबर को भगवान शिव की पूजा शाम 5 बजकर 33 मिनट से रात 8 बजकर 17 मिनट तक होगी। इस दौरान भगवान शिव की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है।
रुद्राभिषेक की सामग्री
विभिन्न सामग्री, जैसे गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी, पंचामृत, बेलपत्र, धतूरा, भांग, चंदन, फूल, दीप, धूप, नैवेद्य और शिवलिंग आदि
रुद्राभिषेक की विधि
शनि प्रदोष व्रत के दिन पूजास्थल को साफ-सुथरा करके शिवलिंग को स्थापित करें।
स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें और दीपक जलाकर धूप दें।
शिवलिंग को गंगाजल से अभिषेक करना चाहिए। फिर पंचामृत, दूध, दही, घी, शहद और अन्य सामग्री से अभिषेक करें।
शिवलिंग पर चंदन, फूल, धतूरा, भांग और बेलपत्र चढ़ाएं।
शिव मंत्र का जाप करके उनकी आरती करें।
शिवजी को भोग लगाकर शिवलिंग की परिक्रमा करें।
ॐ नमः शनि का जाप करें।
इस मंत्र का जाप करके शनि देव को धन्यवाद दें।
प्रदोष काल में रुद्राभिषेक करना सबसे अच्छा है।
प्रदोष काल सूर्यास्त से लगभग डेढ़ घंटे तक चलता है।
शनिप्रदोष व्रत की मान्यता
शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है. अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि दोष होता है, तो उसे कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. शनि प्रदोष व्रत करने से शनि दोष का प्रभाव कम होता है और जीवन में सुख-शांति आती है. शनि देव की कृपा पाने के लिए शनि प्रदोष व्रत का दिन बहुत शुभ माना जाता है. इस दिन की गई पूजा से शनि देव प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आशीर्वाद देते हैं. हिंदू धर्म में कर्मफल का सिद्धांत महत्वपूर्ण है. शनि प्रदोष व्रत के दिन पूजा करने से व्यक्ति अपने पिछले जन्मों के बुरे कर्मों का प्रायश्चित कर सकता है और वर्तमान जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त कर सकता है.