
जैसा कि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री श्री कन्हैया लाल ने कहा राज्य सरकार हर घर नल से जल के लक्ष्य को पूरा करने के लिए जल जीवन मिशन का सफल कार्यान्वयन सुनिश्चित कर रही है।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री का कहना था कि राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता प्रत्येक गांव ढ़ाणी तक पेयजल उपलब्ध कराना है। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में इस क्रम में महत्वपूर्ण फैसले किए जा रहे हैं।
विधानसभा में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (मांग संख्या-41) की अनुदान मांग पर हुई बहस का जवाब जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने दिया था। चर्चा के बाद सदन ने 118 अरब 66 करोड़ 49 लाख 47 हजार रुपये की विभागीय अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दीं।
राज्य की जल जीवन मिशन की स्थिति में सुधार
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार में प्रदेश की रैंक जल जीवन मिशन में लगातार न्यूनतम रही है। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के प्रभावी नेतृत्व से हालात सुधर गए हैं। पुरानी सरकारें जल स्रोतों को नियंत्रित किए बिना पेयजल कनेक्शन देती थीं। पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए हमारी सरकार ने विभिन्न जल परियोजनाओं के माध्यम से पेयजल कनेक्शन प्रदान किए हैं।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने कहा कि जेजेएम ने 93 हजार 427 करोड़ रुपये की 93 हजार से अधिक गांवों को पेयजल कनेक्शन देने के लिए योजनाएं स्वीकृत की हैं। उनका कहना था कि प्रतापगढ़ जिले के कोटडी में लागत की दस प्रतिशत जनसहभागिता से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। वर्तमान सरकार द्वारा 10% जनसहभागिता नहीं लेने से जेजेएम का सफल संचालन बाधित हो गया है।
उनका कहना था कि अमृत 2.0 योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में पेयजल की समस्या को हल करने के लिए धन स्वीकृत किया गया है। वर्तमान सरकार ने 2,967 नये नलकूप और 2,916 नये हैण्डपम्प शुरू किए हैं। 2 लाख 91 हजार से अधिक खराब हैण्डपम्पों की मरम्मत की गई है और फिर से शुरू की गई हैं। प्रदेश सरकार ने 1 लाख 14 हजार से अधिक जल नमूनों की रासायनिक और जीवाणु जांच करके पेयजल की गुणवत्ता की जांच की है।
उनका कहना था कि विभाग में सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता के 683 पदों पर भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की गई है। वहीं, एक हजार से अधिक पदों (जीव विज्ञानी, कनिष्ठ रासायनिक, निजी सहायक ग्रेड-II, कनिष्ठ सहायक, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी) पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है।
अवैध पेयजल कनेक्शनों को रोकना
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने कहा कि प्रदेश में पेयजल योजनाओं के सफल कार्यान्वयन में अवैध पेयजल कनेक्शन एक बड़ी बाधा है। इस मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए कनेक्शन को तोड़ रहे हैं और जुर्माना लगा रहे हैं। उनका कहना था कि अवैध कनेक्शनों को दूर करने के लिए सभी को सतर्क रहते हुए काम करना होगा।
जलदाय मंत्री ने कहा कि योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए विभाग सघन निगरानी कर रहा है। क्षेत्र में जाकर स्थानीय लोगों से राय ली जा रही है। योजनाओं को देखकर गुणवत्ता सुनिश्चित की जाती है। भ्रष्टाचार की पुष्टि होने पर उचित कार्रवाई हो रही है। उनका कहना था कि प्रदेश में सौर ऊर्जा का उपयोग करने के लिए पम्पिंग स्टेशनों की स्थापना की योजना पर काम शुरू हो गया है।
राजस्थान जलापूर्ति एवं सीवरेज अधिनियम 2025 का प्रारूप
जलदाय मंत्री ने कहा कि राजस्थान वाटर सप्लाई एवं सीवरेज एक्ट 1979 में जल के दुरुपयोग को रोकने, अवैध जल संबंधों पर लगाम लगाने, बूस्टर नहीं लगाने और विभाग के कर्मचारियों से अभद्र व्यवहार या मारपीट करने वालों को दंडित करने के प्रावधान नहीं थे। राज्य सरकार ने आरडब्लूएसएससी एक्ट 2025 का प्रारूप तैयार कर लिया है जिसमें उपरोक्त कृत्यों पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान किया गया है।
उनका कहना था कि शहरी क्षेत्रों में पेयजल उपभोक्ताओं को नया नल कनेक्शन प्राप्त करने की वर्तमान कठिन प्रक्रिया सरल कर दी गई है। अब जल सम्बन्ध के लिए आवेदन पत्र प्राप्त होने पर एकल मांग पत्र में प्रति जल सम्बन्ध 8100 रुपये का भुगतान किया जाएगा। इससे आने वाले जल उपभोक्ताओं को नलकार खरीदने, मीटर खरीदने और रोडकट की अनुमति देने के लिए कई एजेंसियों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने कहा कि पेयजल उपभोक्ताओं की शिकायतों को समय पर हल करने के लिए कंज्यूमर सेट्रिंक अप्रोच के तहत शिकायतकर्ता की शिकायतों को दर्ज करने और एंड टू एंड निस्तारण सुविधायुक्त कंज्यूमर कॉल सेन्टर स्थापित किए जाएंगे। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री ने दो अलग-अलग पेयजल परियोजनाओं के लिए बजट में 2 हजार 675 करोड़ रुपये और अजमेर के लिए 1 हजार 77 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं। 2053 तक की जनसंख्या के अनुसार कार्य हो सकेंगे।