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जिउतिया व्रत 2025: कब है जिउतिया व्रत? जानें पूजा विधि, महत्व और दान का शुभ समय

जिउतिया व्रत 2025: जिउतिया व्रत 14 सितंबर 2025 को मनाया जाएगा। जानिए व्रत की सही पूजा विधि, धार्मिक महत्व, अष्टमी तिथि, और दान का शुभ समय।

जिउतिया व्रत 2025: हिंदू धर्म में जिउतिया व्रत को संतान की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाल जीवन के लिए विशेष रूप से किया जाता है। यह व्रत खासतौर पर माताएं अपने बच्चों की मंगल कामना के लिए रखती हैं। साल 2025 में यह व्रत 14 सितंबर (रविवार) को मनाया जाएगा।

जिउतिया व्रत 2025 की तिथि और समय:

  • अष्टमी तिथि प्रारंभ: 14 सितंबर 2025, सुबह 05:04 बजे

  • अष्टमी तिथि समाप्त: 15 सितंबर 2025, रात 03:06 बजे

  • व्रत रखने की तारीख: 14 सितंबर 2025, रविवार

जिउतिया व्रत का धार्मिक महत्व 

पौराणिक कथा के अनुसार, यह व्रत भगवान जिमूतवाहन को समर्पित है, जिन्होंने नागवंश की रक्षा के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिए थे। माना जाता है कि इस व्रत को रखने से भगवान जिमूतवाहन की कृपा से संतान की आयु, स्वास्थ्य और समृद्धि में वृद्धि होती है।

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जिउतिया व्रत 2025 की पूजा विधि

  1. सुबह स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें और सूर्य देव को जल अर्पित करें।

  2. घर या मंदिर की सफाई कर गंगाजल से पवित्र करें।

  3. पूजा स्थान पर चौकी बिछाकर भगवान जिमूतवाहन की प्रतिमा या फोटो स्थापित करें।

  4. दीपक जलाकर पूजा आरंभ करें और जिउतिया व्रत कथा का पाठ करें।

  5. फल-फूल, मिठाई और नैवेद्य अर्पित करें।

  6. संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करें।

  7. दिनभर निर्जला उपवास रखें (बिना अन्न और जल के)।

जिउतिया व्रत पर क्या दान करें? 

इस व्रत पर दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है। पूजा के बाद निम्न चीजों का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है: अन्न, वस्त्र और धन का दान, काले तिल, मिठाई और तैयार भोजन, जरूरतमंदों को कपड़े और भोजन, ब्राह्मण या पंडित को दक्षिणा, धार्मिक मान्यता है कि इस दिन दान करने से पुण्य प्राप्त होता है और संतान के भाग्य, स्वास्थ्य और जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

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