एक इफ्तार पार्टी में दिए भाषण में कमलनाथ ने कुछ ऐसा कह दिया जिससे विवाद खड़ा हो गया. इससे राजनीतिक बवाल मच गया और सीएम व गृह मंत्री नाराज हो गए।
एक इफ्तार पार्टी में दिए भाषण में कमलनाथ ने कुछ ऐसा कह दिया जिससे विवाद खड़ा हो गया. इससे राजनीतिक बवाल मच गया और सीएम व गृह मंत्री नाराज हो गए।
तीज त्योहार के दौरान, जो एक धार्मिक उत्सव है, मध्य प्रदेश में बहुत सारी राजनीतिक गतिविधियां हो रही हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एक नए राजनीतिक दल में शामिल हो गए हैं, और वह रोजेदारों (किसानों) से बात करने के लिए छिंदवाड़ा आ रहे हैं। कमलनाथ बीजेपी पर दंगे भड़काने का आरोप लगा रहे हैं और इससे राज्य का सियासी पारा चढ़ता जा रहा है.
मुख्यमंत्री (सीएम) शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कमलनाथ डर दिखाने और यह कहकर वोट लेने की राजनीति कर रहे हैं कि मप्र में दंगे हो रहे हैं। सीएम ने कहा कि मप्र शांति का टापू है और वह कमलनाथ के बयान की निंदा करते हैं.
सीएम ने कहा कि उनके व्यवहार का असर दिखने लगा है. वह हनुमान का भक्त होने का दावा करता है, लेकिन वह और उसकी टीम इफ्तार में गई और दंगों की बात की। वे सिर्फ दंगों की आड़ में ज्यादा से ज्यादा लोगों को इकट्ठा कर वोट हासिल करना चाहते थे।
गृह मंत्री कमलनाथ के हालिया बयान से खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चुनाव के समय अल्पसंख्यकों को बांटने की राजनीति करती है और कमलनाथ पार्टी या देश को एक साथ नहीं रख सके. कांग्रेस की परंपरा उपवास करने वालों को संतुष्ट करना, भय पैदा करना और अलगाव पैदा करना है।
मध्य प्रदेश में कोरोना का विरोध इसलिए हो रहा है क्योंकि अस्पतालों में महज 24 घंटे में इतने मरीज मिल रहे हैं.
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि धार्मिक कार्यक्रम में दंगों की बात इसलिए होती थी क्योंकि कमलनाथ हमेशा आयोजन के प्रति लोगों की सद्भावना को खराब करने की कोशिश करते हैं. अब्दुल कादरी ने कार्यक्रम के दौरान मोदी जी की प्रशंसा की और गुलाम नबी ने मोदी जी द्वारा किए गए अच्छे कार्यों के बारे में बताया।
कमलनाथ ने कहा कि बुधवार को वह और नकुलनाथ छिंदवाड़ा में रोजा इफ्तार पार्टी में शामिल हुए थे. इस पार्टी के दौरान कमलनाथ ने रोजेदारों से कहा कि छिंदवाड़ा की देखभाल करना उनकी जिम्मेदारी है और बीजेपी उनसे ज्यादा की उम्मीद करती है. उन्होंने कहा कि पूरे देश में दंगे इसलिए हो रहे हैं क्योंकि रोजेदार अपना काम नहीं कर रहे हैं.