अजा एकादशी 2025 पर जानिए किन खास जगहों पर दीपक जलाना शुभ होता है, जिससे घर में दौड़ी चली आती हैं मां लक्ष्मी और बढ़ती है सुख-समृद्धि। इस पावन दिन की पूजा विधि और महत्व भी जानें।
अजा एकादशी 2025 का व्रत इस वर्ष 19 अगस्त को है। इस दिन भगवान विष्णु के उपेंद्र स्वरूप की पूजा की जाती है। इसे अन्नदा एकादशी भी कहा जाता है और यह श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के बाद आती है। मान्यता है कि अजा एकादशी के दिन पूजा-अर्चना और खास जगहों पर दीपक जलाने से जीवन के अंधकार दूर होते हैं और सुख-समृद्धि का वास होता है।
अगर आप इस पावन दिन मां लक्ष्मी की विशेष कृपा चाहते हैं तो जानिए अजा एकादशी पर किन-किन जगहों पर दीपक जलाना शुभ माना गया है।
अजा एकादशी 2025 पर दीपक जलाने के शुभ स्थान
1. मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं: घर के मुख्य द्वार पर घी का दीपक जलाना अति शुभ माना जाता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और शांति, समृद्धि का आगमन होता है। मान्यता है कि इससे घर की रक्षा होती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
2. तुलसी के पास दीपक प्रज्वलित करें: अजा एकादशी की शाम तुलसी के पौधे के समीप दीपक जलाएं और ‘ॐ श्रीं तुलस्यै नमः’ मंत्र का 11 या 108 बार जाप करें। इससे मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है और आर्थिक समृद्धि बढ़ती है।
3. पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं: पीपल में भगवान विष्णु का वास माना जाता है। अजा एकादशी की रात पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और कुंडली के दोष दूर होते हैं।
4. किचन में दीपक जलाएं: रसोई घर को मां अन्नपूर्णा का स्थान माना जाता है। इस दिन किचन में दीपक जलाने से घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
5. तालाब या सरोवर में दीपदान करें: अजा एकादशी पर तालाब या सरोवर में दीपदान करने से पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह धार्मिक अनुष्ठान अत्यंत फलदायक माना जाता है।
अजा एकादशी 2025 के व्रत और पूजा की विशेष बातें
अजा एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति की वर्षों पुरानी इच्छाएं पूरी होती हैं। इस दिन भगवान विष्णु के उपेंद्र रूप की विधिपूर्वक पूजा करना शुभ रहता है। अजा एकादशी को अन्नदान का विशेष महत्व भी माना जाता है।
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