Arvind Kejriwal ने चुनाव आयोग के नोटिस का चौबीस पन्नों का जवाब देते हुए कहा कि दिल्ली में पीने के पानी की गुणवत्ता को लेकर उनकी टिप्पणी तत्काल आम लोगों के स्वास्थ्य संकट के संदर्भ में की गई थी. यमुना में जहर वाले आरोपों पर गरमाई सियासत के बीच।
Arvind Kejriwal ने चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब दिया है, जिसमें उन्होंने यमुना जलाने के दावे की वजह बताई है। केजरीवाल ने चुनाव आयोग को भेजे गए चौबीस पन्नों के उत्तर में कहा कि दिल्ली में पीने के पानी की गुणवत्ता पर उनकी टिप्पणी तत्काल आम लोगों के स्वास्थ्य संकट के संदर्भ में की गई थी। केजरीवाल ने चुनाव आयोग को जवाब देते हुए कहा कि हरियाणा में छोड़े गए कच्चे पानी की गंभीर विषाक्तता को उजागर करना उनका सार्वजनिक दायित्व था।
निर्वाचन आयोग को भेजे 14 पन्ने के जवाब में, अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैंने दिल्ली में पेयजल की गुणवत्ता पर उभरे सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट के संदर्भ में यह बयान दिया था। वह यमुना के कच्चे पानी की गंभीर विषाक्तता और पलूशन को उजागर करने के लिए सार्वजनिक जिम्मेदारी के तौर पर यह बयान दिया। हरियाणा से निकाले गए पानी में इतनी अधिक मात्रा में अमोनिया था कि दिल्ली के वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट भी इसे पीने योग्य नहीं बना पाते हैं।
बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा था- हरियाणा से भाजपा के लोग पानी में जहर मिलाकर दिल्ली भेज रहे हैं। अगर इस पानी को दिल्ली के लोगों ने पी लिया तो कई लोगों की जान चली जाएगी। क्या कोई ऐसा घिनौना काम कर सकता है? पानी जल शोधन संयंत्र भी जहर को यमुना में डालकर साफ नहीं कर सकता। कई इलाकों में पानी बंद करना पड़ रहा है।
दिल्ली जल बोर्ड की सीईओ ने दिल्ली के मुख्य सचिव को पत्र लिखा था, जो अरविंद केजरीवाल के इन आरोपों पर था। उन्हें केजरीवाल का दावा गलत और झूठ बताया गया था। भाजपा ने इसके बाद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दी थी। भाजपा ने निर्वाचन आयोग से केजरीवाल को चुनाव प्रचार करने पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया था। चुनाव आयोग ने केजरीवाल को इस शिकायत पर नोटिस भेजा और उनको बुधवार रात 8 बजे तक उत्तर देने का समय दिया।