दिल्ली में आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष Arvind Kejriwal ने विधानसभा चुनाव से पहले आरक्षण का मुद्दा उठाया है। गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के जाटों को चार बार ओबीसी लिस्ट में जोड़ने का वादा किया, लेकिन नहीं किया।
आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष Arvind Kejriwal ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में आरक्षण का मुद्दा उठाया है। गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के जाटों को चार बार ओबीसी लिस्ट में जोड़ने का वादा किया, लेकिन नहीं किया। साथ ही, पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है जिसमें दिल्ली के जाटों के साथ पांच और जातियों को ओबीसी लिस्ट में शामिल करने की मांग की है।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अरविंद केजरीवाल ने कहा कि राजस्थान के जाटों को दिल्ली में केंद्र सरकार की संस्थाओं में आरक्षण नहीं मिलता है। उन्हें भी जाटों के आरक्षण के लिए सरकार बनने पर संघर्ष करने का वादा किया। पूर्व मुख्यमंत्री ने जाटों के अलावा चारण, ओड, रावत, रोनियार और राय तंवर का भी उल्लेख किया।
पीएम मोदी को लिखे पत्र में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि गृहमंत्री और उन्होंने कई बार दिल्ली के जाटों से वादा किया था कि उन्हें केंद्र सरकार की ओबीसी लिस्ट में शामिल किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उनका कहना था कि वे केंद्रीय नीतियों में कई विसंगतियों पर ध्यान देना चाहते हैं। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने एक पत्र में कहा, “मुझे पता चला कि केंद्र की ओबीसी लिस्ट में होने की वजह से राजस्थान से आने वाले जाट समाज के युवाओं को दिल्ली यूनिवर्सिटी में ओबीसी आरक्षण मिलता है, दूसरी तरफ दिल्ली के ही जाट समाज को दिल्ली यूनिवर्सिटी में ओबीसी आरक्षण नहीं मिल रहा है, क्योंकि आपकी सरकार ने दिल्ली में जाट समाज को ओबीसी आरक्षण होने के बावजूद केजरीवाल ने कहा कि यह दिल्ली के जाटों के साथ धोखा है और केंद्र सरकार ने 10 साल से जाटों को धोखा दिया है।
केंद्रीय सरकार विसंगतियां दूर करे: श्री केजरीवाल
केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार की कई संस्थाओं, एनडीएमसी, डीडीए, एम्स, सफरदरजंग, राम मनोहर लोहिया और दिल्ली यूनिवर्सिटी में नौकरियां नहीं हैं, जिन पर केंद्र सरकार के नियम लागू होते हैं। उन्होंने कहा, केंद्रीय सरकार की वादाखिलाफी से दिल्ली के हजारों युवा ओबीसी लोगों को अन्याय हो रहा है। केजरीवाल ने लिखा, “जाट समाज व ओबीसी की 5 अन्य जातियों के साथ केंद्र सरकार का ये पक्षपातपूर्ण रवैया इन जातियों के युवाओं को शिक्षा और रोजगार के उचित अवसर नहीं मिलने दे रहा है।” केंद्रीय ओबीसी सूची में विसंगतियों को तुरंत सुधारना चाहिए, जिससे दिल्ली में ओबीसी दर्जा प्राप्त सभी जातियों को केंद्रीय संस्थानों में भी आरक्षण मिलेगा। मैं आपके जवाब का इंतजार करूंगा।’
कुछ और जातियों की बात
केजरीवाल ने कहा है कि सिर्फ जाट समाज नहीं बल्कि रावत, रोनियार, राय तंवर, चारण और ओड जातियों को भी दिल्ली सरकार में ओबीसी दर्जा दिया हुआ है, लेकिन केंद्र सरकार इन जातियों को दिल्ली में मौजूद अपने संस्थानों में ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं दे रही है।