दिल्ली की बनीं नई CM Atishi, CM पद की शपथ ली; मंत्रिमंडल में सौरभ भारद्वाज समेत कौन-कौन?

CM Atishi Oath: दिल्ली की तीसरी सीएम आतिशी ने शपथ ली। उप राज्यपाल ने मुख्यमंत्री और कैबिनेट के अन्य पांच मंत्रियों को भी शपथ दिलाई। जानिए मंत्रिमंडल में कौन-कौन शामिल है…

CM Atishi Oath: आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने आज दिल्ली की मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वह दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री भी बन गई हैं। शीला दीक्षित और सुषमा स्वराज पहले इस पद पर थीं। आपको बता दें कि आतिशी दक्षिण दिल्ली की कालकाजी विधानसभा सीट से विधायक हैं। आतिशी और उनकी कैबिनेट के पांच अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली। इन मंत्रियों में गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत का नाम शामिल है।

मुख्यमंत्री आतिशी ने पद और गोपनीयता की शपथ सबसे पहले राज्यपाल से दी। कैबिनेट के अन्य सदस्यों ने एक-एक कर शपथ ली। कैबिनेट मंत्रियों में सबसे पहले मंत्री सौरभ भारद्वाज ने शपथ ली, फिर पार्टी के वरिष्ठ मंत्री गोपाल राय और फिर एक-एक कर कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत ने शपथ ली।

इस्तीफा के बाद आतिशी ने सरकार बनाने का दावा किया।

बीते मंगलवार को केजरीवाल ने सीएम पद से दो दिन बाद इस्तीफा देने की घोषणा की। इसी के साथ आतिशी ने उप राज्यपाल वीके सक्सेना के समक्ष दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के तौर पर सरकार चलाने का दावा भी पेश किया था। बाद में दोनों मामले राष्ट्रपति के सामने पेश किए गए और केजरीवाल का इस्तीफा मंजूर हो गया, जिससे आतिशी को शपथ लेने का समय मिल गया। इसके बाद, आतिशी ने आज 21 सितंबर को अपने पांच मंत्रियों के साथ शपथ ग्रहण कर ली है।

आतिशी ने सुषमा स्वराज का रिकॉर्ड तोड़ा है!

अगले वर्ष फरवरी में दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने हैं। अगर सब कुछ ठीक रहा तो आतिशी अगली फरवरी तक दिल्ली की कमान मुख्यमंत्री के तौर पर संभाली तो वह दिल्ली की पूर्व मुख्यत्री सुषमा स्वराज का रिकॉर्ड तोड़ देंगी। दरअसल, 12 अक्टूबर 1998 से 3 दिसंबर 1998 तक सिर्फ 52 दिनों तक सुषमा स्वराज दिल्ली की सीएम थीं। यदि उनका कार्यकाल फरवरी तक पूरा होता है तो आतिशी लगभग पांच महीने तक दिल्ली की सीएम रहेंगीं। वह सुषमा स्वराज से अधिक समय तक दिल्ली की सीएम रहने का रिकॉर्ड बनाएगी।

सिसोदिया के जेल जाने के बाद मंत्रिमंडल में हुई थी एंट्री

केजरीवाल सरकार में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया थे, जो पटपड़गंज से विधायक थे। उनके पास सरकार के 33 विभागों में से 18 की जिम्मेदारी थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार होने और जेल जाने के कारण पद से इस्तीफा देना पड़ा। पार्टी ने उनके स्थान को आतिशी से भर दिया, जो मंत्रीमंडल में शामिल हो गईं। साथ ही, उन्हें कई विभागों का नेतृत्व भी सौंपा गया था। महिला और बाल विकास मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय, पर्यटन, कला, संस्कृति और भाषा मंत्रालय, लोक निर्माण मंत्रालय और बिजली मंत्रालय उनके अधीन थे।

आतिशी के लक्ष्य पर विपक्षी पार्टियों ने किया जमकर घेराव

आतिशी ने केजरीवाल की जगह लेने का नाम सामने आते ही बड़ा बयान दिया था। विपक्षी पार्टियों ने भी इसकी आलोचना की थी। जब आतिशी का नाम सीएम पद पर आया, तो उसने केजरीवाल को अपना गुरु और नेता बताया। इसके बाद उन्होंने कहा कि उनका एकमात्र लक्ष्य केजरीवाल को फिर से प्रधानमंत्री बनाना है। इसके बाद से ही विपक्षी पार्टी बीजेपी की तरफ से तमाम बयान आए थे, जिनमें उन्हें डमी सीएम और पपेट सीएम जैसे नाम दिए गए थे।।

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