Water Resources Minister Barinder Kumar Goyal: नहरी पानी के वितरण को तर्कसंगत बनाना ताकि अंतिम छोर तक पानी पहुंच सके
पंजाब के जल संसाधन मंत्री Barinder Kumar Goyal ने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार नहरी पानी के वितरण को तर्कसंगत बना रही है, जिससे अंतिम छोर के क्षेत्रों और कम नहरी पानी प्राप्त करने वाले जिलों तक पानी पहुंचना सुनिश्चित हो सके।
कैबिनेट मंत्री Barinder Kumar Goyal ने कहा कि मान सरकार ने कई जिलों में प्रति हजार एकड़ नहरी पानी का आवंटन 50 प्रतिशत बढ़ाकर दो क्यूसेक से तीन क्यूसेक कर दिया है, ताकि अधिक भूजल निकासी वाले क्षेत्रों को प्राथमिकता के आधार पर नहरी पानी मिलना सुनिश्चित किया जा सके।
धर्मकोट के विधायक स. दविंदरजीत सिंह लाडी ढोस द्वारा उनके हलके में नहरी पानी उपलब्ध करवाने तथा जल-मार्ग बनाने संबंधी पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि कई जिलों में पानी की अनुमति 6 से 8 क्यूसेक है, जबकि संगरूर, बरनाला, पटियाला तथा मानसा जैसे जिलों में यह केवल दो क्यूसेक है। इसके परिणामस्वरूप इन जिलों में भूजल का अधिक दोहन हो रहा है। उन्होंने कहा कि भूजल को बचाने के लिए अधिक जल दोहन वाले जिलों में प्राथमिकता के आधार पर काम किया जा रहा है। ऐसे जिलों में जल-मार्गों की अधिक आवश्यकता को देखते हुए प्राथमिकता के आधार पर फंड आवंटित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार जल भत्ते का तर्कसंगत वितरण सुनिश्चित कर रही है।
विधायक ढोसे के सवाल के जवाब में कैबिनेट मंत्री ने बताया कि धर्मकोट विधानसभा क्षेत्र में कुल आठ नहरें हैं, जिनमें से 5830.63 लाख रुपए की लागत से छह नहरों का काम पूरा हो चुका है, जिससे 70,000 एकड़ भूमि को पानी मिलेगा। धर्मकोट विधानसभा क्षेत्र में 2.80 करोड़ रुपए की लागत से 14 किलोमीटर नई जल-मार्गों का निर्माण किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य भर में जल-मार्गों के लिए कुल 17,000 करोड़ रुपए की आवश्यकता है और धर्मकोट विधानसभा क्षेत्र को अनुपात के अनुसार धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी।
कैबिनेट मंत्री Barinder Kumar Goyal ने बताया कि पिछले दो सालों में धर्मकोट हलके के खेतों तक नहरी पानी पहुंचाने के लिए 58.30 करोड़ रुपए की लागत से 6 महत्वपूर्ण प्रोजेक्टों पर काम मुकम्मल हो चुका है। इनमें सिधवां ब्रांच, किशनपुरा माइनर, धर्मकोट माइनर, 5-आर माइनर सिस्टम, किंगवाह माइनर, 6-आर माइनर और 4 माइनर (रेहरवां, हशमतवाह, खन्ना और नथुवाह माइनर) की कंक्रीट लाइनिंग शामिल है। उन्होंने बताया कि इन प्रोजेक्टों से नहरी सिंचाई के तहत 11,772 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि आई है और 17,516 हेक्टेयर कृषि योग्य कमांड एरिया (सीसीए) को पुनर्जीवित किया गया है। इसके परिणामस्वरूप धर्मकोट हलके के विभिन्न गांवों जैसे कि किशनपुरा, इंदरगढ़, लोहगढ़, धर्मकोट, रेहरवां, पंडोरी अराइयां, बडूवाल, मूसेवाल आदि के किसानों को बेहतर नहरी पानी की सुविधा मिल रही है। इन नहरों/माइनरों की कंक्रीट लाइनिंग से किसानों को उनकी मांग के अनुसार नहरी पानी उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे भविष्य में उनकी भूजल पर निर्भरता कम होगी।
“अगले मानसून से पहले नालियों की सफाई सुनिश्चित की जाएगी”
इसी तरह गिद्दड़बाहा से विधायक स. हरदीप सिंह डिम्पी ढिल्लों द्वारा नालों की सफ़ाई के बारे में उठाए गए सवाल के जवाब में श्री बरिंदर कुमार गोयल ने बताया कि मान सरकार पहले से ही नालों की सफ़ाई करवा रही है और भविष्य में भी गुणवत्ता को यकीनी बनाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि श्री मुक्तसर साहिब जिले के गिद्दड़बाहा विधानसभा क्षेत्र से कुल 18 नाले गुजरते हैं, जिनमें से 16 नाले श्री मुक्तसर साहिब जल निकासी मंडल कार्यालय तथा 2 नाले फरीदकोट जल निकासी मंडल कार्यालय से जुड़े हैं।
उन्होंने बताया कि साइट की आवश्यकताओं के अनुसार 2024-25 मानसून सीजन के दौरान विभागीय मशीनरी और एजेंसियों के माध्यम से 17 नालों की सफाई का काम पूरा किया गया, जिस पर कुल 49,55,055 रुपये खर्च हुए। 7 नालों की सफाई विभागीय मशीनरी के माध्यम से 19,28,820 रुपये की लागत से की गई, जबकि 10 नालों की सफाई एजेंसियों द्वारा 30,26,235 रुपये की लागत से की गई। उन्होंने कहा कि इन नालों की सफाई का काम 2025-26 मानसून सीजन शुरू होने से पहले पूरा कर लिया जाएगा।
विधायक के एक अन्य सवाल के जवाब में कैबिनेट मंत्री ने बताया कि मान सरकार ने 13 भारी मशीनें खरीदी हैं और इन मशीनों से नालों की सफाई का काम प्रभावी ढंग से किया गया है, जिस पर 19,28,820 रुपए का ईंधन खर्च हुआ है। उन्होंने कहा कि अगर यह काम किसी एजेंसी को आउटसोर्स किया जाता तो लागत चार गुना अधिक होती, जबकि इससे पहले किसी भी सरकार ने ऐसी मशीनें नहीं खरीदी थीं।