Bhaum Pradosh Vrat 2025: 2 दिसंबर को भौम प्रदोष व्रत, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

2 दिसंबर 2025 को भौम प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। जानें इस दिन भगवान शिव की पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि, और व्रत से मिलने वाले लाभ।

भौम प्रदोष व्रत को भगवान शिव की आराधना के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इस वर्ष 2 दिसंबर 2025 को मंगलवार के दिन भौम प्रदोष व्रत रखा जाएगा। यह व्रत विशेष रूप से ऋण से मुक्ति और शांति प्राप्त करने के लिए किया जाता है। प्रदोष व्रत हर माह की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है।

भौम प्रदोष व्रत का महत्व

जब प्रदोष व्रत मंगलवार के दिन पड़ता है तो इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है। इस दिन व्रती भगवान शिव की विशेष पूजा कर ऋण, परेशानियों और कष्टों से मुक्ति प्राप्त करते हैं। प्रदोष काल सूर्यास्त के तुरंत बाद का समय होता है, जिसे रात्रि के प्रथम प्रहर में मनाया जाता है।

भौम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त

भौम प्रदोष व्रत के दिन पूजा का समय और मुहूर्त निम्नलिखित हैं:

ब्रह्म मुहूर्त: 05:13 AM से 06:04 AM

प्रातः संध्या: 05:38 AM से 06:56 AM

गोधूलि मुहूर्त: 05:57 PM से 06:23 PM

सायाह्न संध्या: 06:00 PM से 07:17 PM

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भौम प्रदोष व्रत पूजा विधि

सुबह प्रात:काल उठकर स्नान और ध्यान करें।

स्वच्छ वस्त्र पहनकर पूजा स्थल को साफ करें और गंगाजल का छिड़काव करें।

धूप-दीप जलाकर भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करें और व्रत का संकल्प लें।

पूरे दिन व्रत बनाए रखें और प्रदोष काल में विधिपूर्वक पूजा करें।

पूजा के दौरान शिव जी को बेलपत्र, फल और फूल अर्पित करें।

शिव चालीसा का पाठ और मंत्रों का जप करें।

भोग स्वरूप तिल के लड्डू या मालपुआ अर्पित करें।

अंत में शिव और माता पार्वती की आरती करें और घर में प्रसाद वितरित करें।

प्रसाद ग्रहण करके व्रत का पारण करें।

भौम प्रदोष के लाभ

विधिपूर्वक भौम प्रदोष करने से हर प्रकार के ऋण और संकट से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही जीवन में सुख, समृद्धि और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।

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