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Bihar News: नीतीश की जेडीयू का अगला कदम क्या होगा, बिहार को विशेष पैकेज भी नहीं मिला तो मचेगा सियासी घमासान,?

Bihar News: केंद्र सरकार द्वारा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने से इनकार करने के बाद सभी का ध्यान बजट पर है। अगर इसमें बिहार को विशेष पैकेज भी नहीं मिला तो जेडीयू के सामने चुनौती बढ़ सकती है।

Bihar News: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने इस बार बिहार को विशेष दर्जा देने पर काफी जोर दिया। यह मांग हर स्तर पर उठाई गई।  सर्वदलीय बैठक में भी बिहार के लिए विशेष दर्जा मिलना कितना महत्वपूर्ण था। केंद्रीय नरेंद्र मोदी सरकार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने से इनकार कर दिया है, कारण मानक है। अब यह भारत गठबंधन का भी मुद्दा है। अब वह जेडीयू पर तेज प्रहार करेगा, जिससे वह असहज हो जाएगा और मुश्किल हो जाएगा। यह आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद ने भी शुरू किया है। जेडीयू ने कहा कि विशेष दर्जा नहीं मिलने पर केंद्र सरकार बिहार को विशेष पैकेज देना चाहिए। अब सबका ध्यान मंगलवार को संसद में पेश होने वाले बजट पर है। यदि बिहार को विशेष पैकेज भी नहीं मिलता, तो इससे राजनीतिक हलचल हो सकती है।

CM नीतीश की पार्टी जेडीयू पिछले दो दशक से बिहार को विशेष दर्जा देने की मांग कर रही है। जेडीयू ने विशेष दर्जा दिलाने के मुद्दे पर पटना से दिल्ली तक रैली की। करोड़ों लोगों ने अभियान पर हस्ताक्षर करके प्रधानमंत्री को पत्र भी भेजा था। विशेष दर्जा की मांग खारिज होने से जेडीयू असहज होना स्वाभाविक है, क्योंकि वह इस समय केंद्र सरकार में एक महत्वपूर्ण साझीदार है। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने सर्वदलीय बैठक के बाद कहा कि विशेष दर्जा देने में मुश्किल हो तो विशेष पैकेज ही दें।

अगले वर्ष बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले जल्द ही चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे। ऐसे में विपक्षी दल इसके साथ आने वाले दिनों में आंदोलन की योजना बना सकते हैं। आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव ने यह भी कहा कि वे विशेष दर्जा रखेंगे। विपक्षी दल भी इस मुद्दे से राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश करेंगी। दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को इस भावनात्मक मुद्दे पर जेडीयू के साथ सहमत होना चाहिए।

जेडीयू की पुरजोर मांग की अनदेखी करना मुमकिन नहीं

बिहार को विशेष दर्जा ठुकराने के बाद केंद्र इस राज्य के लिए विशेष पैकेज बना सकता है। जेडीयू की व्यापक मांग को अनदेखा करना असम्भव है क्योंकि वह अभी केंद्र में महत्वपूर्ण साझेदार है। अब केंद्रीय सरकार पर विशेष पैकेज या सहायता की घोषणा करने का दबाव बढ़ गया है। बजट में बिहार को मिलने वाली सहयोग राशि की वृद्धि देखना दिलचस्प होगा।

 

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